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शिक्षक बहाली पर राजनीति शुरू, कहा- मधुबनी की घटना शर्मनाक, सरकार अपने निर्णयों पर अडिग नहीं

शिक्षक बहाली पर राजनीति शुरू, कहा- मधुबनी की घटना शर्मनाक, सरकार अपने निर्णयों पर अडिग नहीं

डेस्क...  बिहार सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था भ्रष्टाचार की अंतिम छोर पर है, जब बिहार प्राथमिक शिक्षक बहाली पिछले लगभग दो वर्षों से चल रही है। शिक्षा निदेशक का पत्रों की भी कोई सीमा नहीं है, फिर भी 26-12-2020 तक अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन नहीं हो सका, क्या इससे प्रशासनिक अधिकारियों की निन्दा नही करनी चाहिए?  बिहार में शिक्षक बहाली पूरी हाेने का नाम नहीं ले रहा है। विभाग की ओर से हर बाार लेटर पर लेटर जारी होते हैं, लेकिन इसका फर्क नियोजन इकाई पर नहीं पड़ता है। खामियाजा लाखोें अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ता है। 

आप देखेंगे कि बहाली की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई, जबकि इसे बहुत पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी। एक तो बहाली पर कई बारा केस के कारण स्टे लगा, लेकिन जब गत वर्ष दिसंबर में जजमेंट आ गया और कोर्ट ने भी इस बहाली में तेजी लाने के निर्देश दिए, इसके बावजूद राज्य सरकार बहाली में देरी क्यों कर रही है। आखिर जब 21 दिसंबर 2020 को आपने शेड्यूल जारी किया तब आप उसी में ये क्यों नहीं एड किया कि काउंसेलिंग कब करेंगे। इसका मतलब है कि मंशा साफ है कि बिहार सरकार अभी इसे अधर में ही रखना चाहती है। 

पहले तो आधा अधूरा शेड्यूल जारी किया। 26 दिसंबर तक आपने अंतिम मेघा सूची प्रकाशन करने को कहा, लेकिन नियोजन इकाई बार-बार आदेश देने के बाद भी ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ अभ्यर्थियों ने कहा कि आगे पंचायत चुनाव है, इसलिए सरकार अभी मंशा जाहिर कर दे कि आगे क्या करना है। ताकि अभ्यर्थी भी एक मांइडसेट के साथ काम कर सकें।

बता दें कि बिहार शिक्षक बहाली को लेकर सचिवालय में कुछ अभ्यर्थी जाकर एक ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद जूम एप के जरिए एक मीटिंग की जाएगी, ताकि आंदोलन करने की रणनीति बनाई जाएगी।  शिक्षक बहालीएवं आगामी आंदोल को लेकर 10 से 12 जनवरी तक काउंसेलिंग का डेट नहीं दिया तो आंदोलन करेंगे। इस बीच अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी अभ्यर्थी अपनी क्षमता अनुसार सहयोग देने की अपील की है, ताकि आंदोलन को एक किनारे तक ले जाया जा सके। महिला साथियों से भी अपील की है वो इस आंदोलन को सफल बनाने में अपनी भागीदारी करें। आज सचिवालय में पूरा क्लियर किया जाएगा कि आखिर सरकार की मंशा क्या है। 

इधर, शिक्षक बहाली को लेकर मधुबनी में पहले ही अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है। शीघ्र नियुक्ति की मांग को लेकर मधुबनी में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को बर्बरतापूर्वक पीटा गया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इस घटना के बाद सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला है। राजद नेता और प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार अपने निर्णयों को लागू करने में टाल मटोल कर रही है। यहां तक कि सरकार उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रही 90 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार जानबूझ कर लटका रही है। 



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