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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का संबोधन, बोलीं- विश्व शांति के लिए है भारत की प्रभावशाली स्थिति

स्वतंत्रता  दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का संबोधन, बोलीं- विश्व शांति के लिए है भारत की प्रभावशाली स्थिति

नयी दिल्ली- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार, 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सभी देशवासी 78वें स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार है. उन्होंने भारत में कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करने का आह्वान भी किया. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार के लिए करना चाहता है.

78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में राष्ट्रपति ने देश की सफलता का श्रेय किसानों और श्रमिकों की अधिक मेहनत और उद्यमियों की दूरगामी सोच के साथ ही देश के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया.  उन्होंने जी20 की सफलता का भी जिक्र किया। संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के शब्दों को उद्धृत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए.

 देशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहेब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अनेक महान जननायकों को याद किया. तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था, जिसमें सभी समुदायों ने भाग लिया.

 राष्ट्रपति ने 2024 के आम चुनावों का भी उल्लेख किया और कहा कि इसमें लगभग 97 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया. उन्होंने इसे एक ‘ऐतिहासिक कीर्तिमान’ बताया.

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है. इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है. उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी  अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं.


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