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जानिए कहां से आती है वोटिंग की स्याही और कितनी है इसकी कीमत

जानिए कहां से आती है वोटिंग की स्याही और कितनी है इसकी कीमत

न्यूज़ 4 नेशन डेस्क : क्या आपने सोचा है कि चुनाव के दौरान वोट डालने पर ऊँगली पर लगाई जाने वाली स्याही कहां से आती है और इसकी क्या कीमत है?  और इस स्याही की खासियत क्या है.  

बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले 33 करोड़ रुपये की कीमत पर पक्की स्याही की 26 लाख बोतलों का ऑर्डर दिया था. वहीं  2014 में हुए लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने 21.5 लाख शीशियां मंगाई थी जो इस साल के मुकाबले 4.5 लाख कम थी. इस बार चुनाव आयोग की ओर से मंगाई गई पक्की स्याही के निशान को मिटाना भी काफी मुश्किल है. वोट देने के बाद मतदाता स्याही के निशान को आसानी से हटा नहीं पाएंगे. 

बता दें कि कर्नाटक सरकार का उपक्रम मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड चुनाव आयोग के लिए पक्की स्याही बनाने का काम करता है. यह एक सरकारी अधिकृत निर्माता है, जो इस स्याही का निर्माण करता है. चुनाव आयोग ने 1962 में कानून मंत्रालय, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम के साथ मिलकर मैसूर पेंट्स के साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पक्की स्याही की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया था. 

मैसूर पेंट्स विश्व भर में 30 से ज्यादा देशों को पक्की स्याही निर्यात करता है. टेंडर के अनुसार, इस एक स्याही की बोतल की कीमत 127 रुपये होती है. 

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