लोकसभा में वेस्टेज प्लास्टिक बोतलों से तैयार जैकेट पहनकर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जानें किनके लिए तैयार किया गया है यह अनोखा जैकेट

NEW DELHI : संसद में बजट सत्र चल रहा है। जिसमें कई मुद्दों पर बहस चल रही है। इन सब बहसों के बीच कई सांसद ऐसे भी हैं, जिनके कपड़ों की भी खूब  चर्चा होती है। जिनमें कई महिला सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहने कपड़े भी खूब चर्चा पाते हैं। इस बार नरेंद्र मोदी लोकसभा में ऐसी जैकेट पहनकर पहुंचे हैं. जिसका लिए किसी कपड़ों के साथ प्लास्टिक बोतलों का भी  इस्तेमाल  किया गया है। 

प्लास्टिक की बोतलों से तैयार किया जैकेट

संसद में नरेंद्र मोदी को खास नीले रंग की जैकेट पहनकर संसद पहुंचे. यह जैकेट प्लास्टिक की बोतलों PET को रिसाइकल कर बनाई गई है। यह जैकेट पिछले दिनों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पीएम मोदी को इंडिया एनर्जी वीक में गिफ्ट के तौर पर दी थी।

पेट्रोल पंप के असिस्टेंट के लिए तैयार की जा रही जैकेट

बताया गया इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने दस करोड़ बोतलों को रिसाइकल करने का लक्ष्य रखा है. पेट्रोल पंप पर असिस्टेंट्स को यही जैकेट दी जाएंगी। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है। एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बॉटल को रिसाइकिल किया जाता है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। 

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कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। आईओसी की योजना PET बॉटल्स का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।

2000 में उपलब्ध

प्लास्टिक बॉटल से बने गारमेंट की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इसे कलर करने में एक बूंद पानी की भी इस्तेमाल नहीं होता है। सेंथिल ने बताया कि कॉटन को कलर करने में बहुत पानी बर्बाद होता है। लेकिन PET बॉटल्स से बने गारमेंट में डोप डाइंग का इस्तेमाल होता है। बॉटल्स से पहले फाइबर बनाया जाता है और फिर इससे यार्न तैयार किया जाता है। यार्न से फिर फैब्रिक बनता है और फिर सबसे अंत में गारमेंट तैयार किया जाता है। रिसाइकिल बॉटल से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2,000 रुपये है।