PATNA: बिहार विधान सभा में आज कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा जबरन फीस वसूली का सवाल उठा। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने इसे उठाते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूल मनमानी कर रहे हैं। इससे अभिभावकों को परेशानी हो रही है। सरकार इस मामले में संज्ञान ले।
भाई वीरेन्द्र के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हम लोग के अलावे आप सबलोग चाहते हैं कि कोरोना काल का फीस नहीं ली जाये।लेकिन सरकार के पास ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो फीस ली गई उसे वसूल किया जाए। स्कूल मालिकों की दलील है कि उन्होंने ऑनलाइन क्लास करवाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्राइवेट स्कूल में मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर रोक के लिए 2019 में कानून बनाया गया था। सदस्यों के आग्रह और आसन के हस्तक्षेप पर शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को देखेगी।
विस में सरकार की हुई किरकिरी
इधर, विस में आज सरकार की किरकिरी हो गई। दरअसल प्रश्नकाल में आज एक बार फिर से सवाल उठा कि सर्पदंश से मृत्यु पर पीड़ित परिवार को मुआवजा दी जाए। भाजपा विधायक पवन जायसवाल का यह सवाल पहले आया था। इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने इस सवाल को वन पर्यावरण विभाग को हस्तांतरित किया था। आज एक बार फिर से सवाल सदन में आया। वन पर्यवारण विभाग ने इस सवाल को एक बार फिर से आपदा प्रबधन विभाग को लौटा दिया। इसके बाद सदन में सरकार घिर गई। विधायक पवन जायसवाल ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई।इसके बाद विस अध्यक्ष ने इस पर संज्ञान लिया।
सदन में घिर गई सरकार
सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। सत्ता पक्ष की तरफ से पवन जायसवाल,संजय सरावगी समेत अन्य विधायकों ने कहा कि सवाल की फेका-फेकी हो रही है। ऐसे में अधिकारियों पर कार्रवाई हो। संजय सरावगी ने कहा कि पिछली बार तत्कालीन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सदन में आश्वासन दिया था कि वन पर्यावरण विभाग से सर्पदंश से मृत्यु पर पीड़ित परिवार को 4 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।अब कहा जा रहा कि विभाग में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है और सवाल लौटा दिया। विवाद बढ़ता देख विस अध्यक्ष ने इस मामले में पहली की।
विस अध्यक्ष ने दिया नियमन
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन में सरकार को यह निर्देश दिया कि डिप्टी सीएम ,संसदीय कार्य मंत्री और दोनों विभाग के मंत्री बैठें और अधिकारियों को रखें और इस सवाल का हल निकालें।