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रेलवे गार्ड और पायलटों को भारी भरकम बक्से से मिली मुक्ति, अब ट्रॉली बैग और टैब से होंगे लैस

रेलवे गार्ड और पायलटों को भारी भरकम बक्से से मिली मुक्ति, अब ट्रॉली बैग और टैब से होंगे लैस

CHAPRA : रेलवे के गार्ड का बक्सा काफी भारी भरकम होता है. जिसे ड्यूटी के दौरान ले जाना काफी मुश्किल भरा काम होता है। इससे निजात दिलाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे की ओर बेहतरीन पहल की गयी है। अब गार्ड एवं लोको पायलटों की सुविधा एवं कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से भारी भरकम बक्से के स्थान पर कम वजनी सुविधाजनक ट्राली बैग उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में वाराणसी मंडल द्वारा गार्ड तथा चालक के लाइन बॉक्स के स्थान पर उन्हें सुविधाजनक आधुनिक ट्रॉली बैग दिए जा रहे हैं। 

ट्राली बैग में वजनी किताबों (रुल बुक) के स्थान पर टैब दिया जा रहा है, जिसके उपयोग से गार्ड एवं ड्राइवर तकनीकी रूप से दक्ष होंगे। इसके साथ ही भारी भरकम उपकरणों के स्थान पर बहुपयोगी स्मार्ट उपकरण दिए जा रहें है। जिनका उपयोग रेल संचलन में संरक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आसानी से किया जा सकता है। सभी संरक्षा उपकरणों के साथ इस ट्राली बैग का वजन केवल 5-6 किग्रा है। इसमें कर्मचारियों को अपने दैनिक उपयोग की वस्तुओं को रखने के लिए पर्याप्त जगह भी है। 

वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रोहित गुप्ता द्वारा वाराणसी डीजल लॉबी में कार्यरत एक गार्ड को ट्राली बैग प्रदान कर इसकी शुरुआत की गयी। श्री गुप्ता ने बताया कि गार्ड तथा चालक का लाइन बॉक्स हटाकर उन्हें आधुनिक ट्रॉली बैग दिए जा रहे हैं, जिसमें पुस्तकों की जगह अब टेबलेट दिया जा रहा है। बैग का वजन महज 5 से 6 किलो है। उन्होंने कहा कि रेल कर्मियों कोई इसको लेकर कई तरह का भ्रम है, जिसे वह दूर कर रहे हैं। वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक ने गार्ड एवं लोको पायलटों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले लाइन बॉक्स तथा नई ट्राली बैग दोनों को खोल कर तुलनात्मक प्रदर्शन कर दिखाया। उन्होंने बताया कि  किस प्रकार से ट्राली बैग ज्यादा सुविधाजनक हैं।

छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट 

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