बेटी की शादी करने आये पूर्णिया पहुंचे राजस्थान के परिवार को एयरपोर्ट की महसूस हुई कमी, कहा जल्द से जल्द हो निर्माण

PURNEA : राजस्थान से एक परिवार अपनी बच्ची की शादी समारोह में भाग लेने पूर्णिया पहुंचा। इस परिवार के बच्ची की शादी पूर्णिया के जाने-माने हड्डी रोग डॉक्टर अंगद कुमार चौधरी के छोटे भाई से हुई। यह परिवार राजस्थान का क्षत्रिय परिवार है और इन लोगों ने लगभग 4 दिन रह कर इस शादी के आयोजन को सफल किया। इसमें लड़की की मां पिताजी भाई बहन बहनोई सभी लोग शामिल थे। लेकिन इन लोगों की एक शिकायत थी या मन में दर्द था कि हम लोगों को 3 दिन जाने में लगा और 3 दिन आने में और 3 दिन ही हम लोग पूर्णिया में रह पाए। इन लोगों से जब एयरपोर्ट के मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोग अगर हवाई यात्रा यहां से कर पाते तो समय का ज्यादा बचत होता और अपनी बच्ची की शादी में ज्यादा से ज्यादा समय दे पाते। साथ ही पूर्णिया में भी घूमकर पूर्णिया को जान पाते । राजस्थान की जनता की ओर से हम लोग भी पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग करते हैं। प्रेस क्लब पूर्णिया के सदस्यों द्वारा जब उनसे कहा गया कि आप लोग पूर्णिया मांग एयरपोर्ट का बैनर लेकर सरकार से कुछ मांग करना चाहेंगे। तब उन लोगों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया और सरकार से मांग किया की पूर्णिया में सिविल एयरपोर्ट प्रारंभ करें।
लड़की के माता का नाम सूरज कंवर तथा पिता का नाम खुमान सिंह है। ये सभी लोग अपनी लड़की की शादी आयुष्मति प्रेम कंवर की शादी लड़के सुजीत से करने आए थे। लड़के के पिता का नाम नीलांबर चौधरी तथा माता का नाम सुशीला देवी है। यह पूरा परिवार राजस्थान के पोखरण से पूर्णिया आए थे। बैनर पोस्टर के साथ पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग करने वालों में लड़की के परिवार के प्रेम सिंह,धर्मेंद्र सिंह,भागवत सिंह,जसवंत सिंह ,प्रदीप सिंह,दलपत सिंह,प्रिंस ,हिमांशु ,दीक्षा कंवर सहित घर की सारी महिलाएं थी।
प्रदीप सिंह ने एयरपोर्ट के मामले पर कहा कि हम लोगों को जो परेशानी राजस्थान से आने और जाने में हुई। वह एयरपोर्ट के उपयोग करने के बाद नहीं होती। हवाई यात्रा हमारे समय को कम करता और हम सभी पूरा परिवार का 6 दिन यात्रा में नहीं गुजरता। 56 घंटे जाने और 56 घंटे आने में हमारे समय बीत गए। अगर यहां पर हवाई यात्रा प्रारंभ होती है तो हम लोगों को काफी सुविधा होगी। हम लोग समझ सकते हैं कि हवाई यात्रा नहीं रहने के कारण अन्य राज्यों से जो लोग आते होंगे। उन्हें क्या परेशानी होती होगी। हम लोगों को भी साल में अब दो-तीन बार आना ही होगा। ऐसे भी राजस्थान के बहुत लोग यहां आते हैं और जाते हैं क्योंकि यहां भी बहुत सारे व्यवसाई ऐसे हैं जो राजस्थान से व्यवसाय करते हैं।
घर की बेटी मंजू कंवर कहती है कि जब इतनी दूरी से हम सभी को पूर्णिया आना पड़ा तो ऐसा लगा कि हमारा बहुत सारा समय रास्ते में गुजर गया। जबकि अब लगभग शहरों में हवाई यात्रा प्रारंभ हो गई है। अगर यहां भी हवाई यात्रा की सुविधा होती तो आज हम सारे परिवार का दिन 1 सप्ताह रास्ते में ही समाप्त नहीं हो जाता। हम सब भी पूर्णिया में एयरपोर्ट की मांग बिहार सरकार तथा केंद्र सरकार से करते हैं।
पूर्णिया से अंकित की रिपोर्ट