N4N DESK: रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। एक तरफ जिस दिन भाई और बहन का प्रगाढ़ प्यार देखने को मिलता है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है जहां दशकों से राखी का त्योहार नहीं मनाया जा रहा है। इसके पीछे की वजह जितनी हैरान कर देने वाली है, उतनी ही खौफनाक भी है।
जब पूरा देश राखी का पर्व मना रहा होता है, तब उत्तर प्रदेश के इस गांव में सन्नाटा पसरा होता है। यहां तक कि लोग डर के मारे अपने घर के बाहर भी नहीं निकलते। यह गांव है उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला स्थित भीकमपुर जगत पुरवा गांव। जहां रक्षाबंधन की कोई उत्सुकता नहीं होती। गांव के लोगों की ऐसी मान्यता है कि अगर उन्होंने रक्षाबंधन का त्योहार मनाया तो उनके साथ कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। गांव में विगत कई वर्षों से घट रही अजीबोगरीब घटनाओं को देखते हुए लोग इस त्योहार को मनाने से बचते हैं। यहां की युवा बताते हैं कि उन्होंने केवल इस त्यौहार के बारे में सुना ही है, कभी इसे मनाने का सौभाग्य उन्हें नहीं मिला।
रक्षाबंधन के दिन भीकमपुर जगतपुरा गांव में इस कदर सन्नाटा पसरा रहता है मानो किसी का निधन हो गया हो। कोई अपने घर से बाहर तक नहीं निकलता। साथ ही कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती। गांव के लोग नहीं चाहते कि उनके पूर्वजों द्वारा बनाई गई इस परंपरा को तोड़ा जाए। लोग कहते हैं कि यहां के किसी भी घर में जब कोई बहन अपने भाई को राखी बनती है तो अजीब सी घटनाएं देखने को मिलती है। गांव के बड़े बुजुर्गों ने बताया कि साल 1955 में रक्षाबंधन के दिन यहां के एक परिवार में एक शख्स की हत्या कर दी गई थी। तभी से इस गांव में बहने रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मना रही हैं।
करीब एक दशक पहले भी बहनों के अनुरोध पर रक्षाबंधन त्यौहार की परंपरा शुरू करने का फैसला लिया गया था लेकिन यहां फिर अजीबोगरीब घटना हो गई। तब से दोबारा किसी ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं दिखाई। गांव के नहीं निवासियों का कहना है कि अगर रक्षाबंधन के त्यौहार पर उसी परिवार में किसी बच्चे का जन्म होता है तब इस परंपरा को फिर से शुरू किया जा सकता है।