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नीतीश के बाद रविशंकरः मेदांता को पटना में 7 एकड़ बेशकीमती जमीन दी, कोविड अस्पताल खोलने के लिए CM के बाद अब केंद्रीय मंत्री ने किया 'मनुहार'

नीतीश के बाद रविशंकरः मेदांता को पटना में 7 एकड़ बेशकीमती जमीन दी, कोविड अस्पताल खोलने के लिए CM के बाद अब केंद्रीय मंत्री ने किया 'मनुहार'

PATNA: बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। राजधानी पटना की स्थिति तो और भी भयावह हो गई है। कोरोना संक्रमित मरीज इलाज कराने के लिए भटक रहे हैं लेकिन अस्पताल में बेड फुल हैं। बिना इलाज के ही लोग मर रहे हैं। एनएमसीएच,पीएमसीएच व एम्स की भी वही स्थिति है। लोग परेशान हैं ,उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि क्या किया जाये। नीतीश सरकार ने जय प्रभा अस्पताल की सात एकड़ बेशकीमती जमीन मेदांता हॉस्पीटल को लीज पर दी थी। वहां पर मेदांता समूह ने बड़ा अस्पताल बनाया है। उस अस्पताल में कोविड हस्पिटल खोलने के लिए सीएम नीतीश की तरफ से प्रयास किया गया लेकिन अब तक कोरोना अस्पताल नहीं खुल सका है। अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मेदान्ता ग्रुप के अध्यक्ष डॉ॰ नरेश त्रेहान से आग्रह किया है कि पटना के कंकड़बाग अवस्थित मेदान्ता अस्पताल को अविलंब कोविड डेडीकेटेड अस्पताल शुरू किया जाए।

मेदांता पटना में कोविड अस्पताल चालू करने के लिए सीएम के बाद केंद्रीय मंत्री का आग्रह

केंद्रीय मंत्री और पटना से सांसद रविशंकर प्रसाद ने आज मेदान्ता ग्रुप के अध्यक्ष और देश के जाने-माने डॉ॰ नरेश त्रेहान से व्यक्तिगत रूप से आग्रह किया कि कंकड़बाग अवस्थित मेदान्ता अस्पताल को अविलंब कोविड के इलाज हेतु डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में शुरू किया जाए। उन्होंने डॉ॰ त्रेहान से आग्रह किया कि एक बड़ा अस्पताल बना है और कोरोना के बढ़ती हुई संख्या के आलोक में इसको तुरन्त आरम्भ किया जाए। डॉ॰ त्रेहान ने केंद्रीय मंत्री को आशवस्त किया है कि इसे बहुत जल्द शुरू करवा देंगें।

नीतीश सरकार ने पटना में दी थी 7 एकड़ जमीन

मेदांताअस्पताल के निर्माण के लिए नीतीश सरकार ने 2015 में पूरे तामझाम से 7 एकड़ सरकारी जमीन 33 सालों की लीज पर दी।2016 में इस अस्पताल का शिलान्यास किया गया। इसके बाद 2020 में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ उद्घाटन करने गये. उस अस्पताल में अब तक कोविड़ अस्पताल नहीं खोला जा सका है। पचास बेड का कोविड अस्पताल खोलने में पेंच फंसा हुआ है।  बता दें, मेदांता को हॉस्पिटल के लिए सात एकड़ जमीन 33 सालों की लीज पर दी गयी है. इसके एवज में सरकार को सालाना तीन करोड़ रुपये देने का प्रावधान है।


हर साल तीन करोड़ रू पर सरकार ने दे दी जमीन

बता दें,  कंकड़बाग इलाके में जयप्रभा अस्पताल की जमीन को राज्य सरकार द्वारा मेदांता को उपलब्ध करायी गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया है। इस अस्पताल में 25 प्रतिशत बेड सीजीएचएस की तय दरों पर जरूरतमंद मरीजों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान है। तय एग्रीमेंट के तहत प्रति वर्ष तीन करोड़ रुपए 6.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ स्वास्थ्य विभाग को प्रीमियम के रूप में मिलेंगे। भविष्य में जब अस्पताल पूर्ण रूप से संचालित हो जाएगा तो वार्षिक राजस्व का एक प्रतिशत स्वास्थ्य विभाग को मिलेगा.

अब तक बिहटा में पांच सौ बेड का नहीं शुरू हो सका कोविड अस्पताल

ई.एस.आई.सी.के बिहटा स्थित अस्पताल में 2020 में पांच सौ बेड का कोविड अस्पताल रक्षा मंत्रालय की तरफ से शुरू की गई थी। लेकिन इस बार अब तक 500 बेड का कोरोना अस्पताल चालू कराने में सफलता नहीं मिली है। बिहार से जुड़े बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने पहल की लेकिन केंद्र ने कोई नोटिस नहीं लिया। अब एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सेना के छः डॉक्टर पहुँच गए है जिससे कोविड इलाज में सुविधा हुई है। रविशंकर प्रसाद ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से फिर से आग्रह किया है कि सेना के डॉक्टर की संख्या बिहटा के अस्पताल के लिए बढ़ाई जाए.ऐसा ऐसा होता है तो कोरोना मरीजों के इलाज में सहयोग मिलेगा। 

ऑक्सीजन के आपूर्ति हेतु उन्होंने केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से कई बार विशेष आग्रह किया था। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय भी इस दिशा में प्रयासरत थे। बिहार में ऑक्सीजन की आवश्यकता के लिए वायुसेना के विशेष विमान से ऑक्सीजन कन्टेनर ट्रक आज से बोकारो स्टील प्लान्ट एयरलिफ्ट होना शुरू हो गया। अब जल्द ही वहॉ से पटना रवाना होगा, ऐसा अधिकारियों ने आशवस्त किया है। रविशंकर प्रसाद ने आज एम्स पटना के निदेशक से भी बात की और उन्होंने इस बात पर सन्तोष जाहिर किया की एम्स पटना ने अपने बेड की संख्या को 330 कर दिया।



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