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सीएम नीतीश की VVIP सुरक्षा में बार-बार सेंधमारी, चप्पल से लेकर थप्पड़ तक मारने की कोशिश, कुर्सी के टुकड़े से लेकर फूलों की माला तक फेंका, कैसे हो रही चूक!

सीएम नीतीश की VVIP सुरक्षा में बार-बार सेंधमारी, चप्पल से लेकर थप्पड़ तक मारने की कोशिश, कुर्सी के टुकड़े से लेकर फूलों की माला तक फेंका, कैसे हो रही चूक!

PATNA : पटना के गाँधी मैदान में कल स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर सीएम नीतीश की सुरक्षा में भारी चुक देखने को मिली है। हालाँकि यह पहली बार नहीं है की उनकी सुरक्षा में चुक हुई। केवल 5 सालों की बात करें तो सीएम नीतीश की सुरक्षा में 10 बार सेंध लगायी जा चुकी है। जनवरी 2018 में बक्सर जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार "विकास समीक्षा यात्रा" कर रहे थे। उस दौरान काफिला बक्सर से निकल रहा था, तभी उनके काफिले पर जिले के नंदन गांव में ग्रामीणों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने सीएम के काफिले पर पथराव भी किया था। इसके बाद पटना के बापू सभागार में 2018 में आयोजित कार्यक्रम में एक युवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर चप्पल फेंक कर मारने की कोशिश की। हालांकि, सीएम बाल-बाल बच गए। 

वहीँ 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान CM नीतीश मधुबनी के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। तभी कुछ लोगों ने उनके ऊपर प्याज और कंकड़-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद 12 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा में जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहाँ पंडाल में अचानक धमाके की आवाज सुनाई दी। वहीँ 27 मार्च 2022 को सीएम नीतीश पटना के बख्तियारपुर में एक हॉस्पिटल में गए थे। जहां स्थापित एक प्रतिमा पर वह पुष्पांजलि कर रहे थे। इसी दौरान एक युवक भी तेजी से प्रतिमा स्थल पर चढ़ गया। उसने नीतीश को थप्पड़ मारने की कोशिश की। 

जबकि 21 अगस्त 2022 को सीएम नीतीश की गाडी पर जमुई में फूलों की माला फेंक दी। जिसके बाद उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के हाथ पाँव फूल गए थे। 13 फरवरी 2023 में समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औरंगाबाद पहुंचे थे। जहाँ उनके ऊपर किसी ने कुर्सी फेंक दिया था13 फरवरी 2023 में समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औरंगाबाद पहुंचे थे। इस तरह कई बार मुख्यमंत्री की सुरक्षा में सेंध की घटना हो चुकी है।

हालाँकि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किये जाते हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक मुख्यमंत्री को रिंग राउंड सिक्योरिटी में रखा जाता है। रिंग राउंड में CM को घेरने वालों में सभी सादे कपड़ों में होते हैं, इसलिए उनकी रैंक का पता नहीं चलता है। सुरक्षा में रिंग राउंड का घेरा बनाने वालों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, वह इतने चौंकन्ने होते हैं कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। CM की सुरक्षा में डीजीपी के बाद डीजी स्पेशल ब्रांच होते हैं। इसके बाद एडीजी सिक्योरिटी का जिम्मा होता है। फिर नंबर आता है DIG सिक्योरिटी और SP सिक्योरिटी का। इतने IPS के जिम्मे सीएम की सुरक्षा की निगरानी होती है। इसके बाद एएसपी और डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर, दारोगा और कांस्टेबल होते हैं। तीसरे स्तर पर जिला पुलिस तैनात रहती है। 

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