रिटायर्ड जजों ने सरकारी आवास नहीं किया खाली, हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से तीन सप्ताह में मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
 
                    पटना. पटना हाईकोर्ट ने जजों के सेवानिवृत होने के कई महीनों बाद भी अपने सरकारी आवास खाली नहीं करने के मामलें में सुनवाई की. अधिवक्ता दिनेश कुमार की जनहित याचिका पर जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है.
अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह, जस्टिस अंजना मिश्रा, जस्टिस पीसी जायसवाल और जस्टिस ए के त्रिवेदी कई माह पहले सेवा निवृत हो चुके थे, लेकिन उन्होनें सरकारी आवास खाली नहीं किया है.
उन्होंने बताया कि जस्टिस दिनेश कुमार सिंह अक्टूबर 2020, जस्टिस पीसी जायसवाल दिसम्बर 2019 और जस्टिस ए के त्रिवेदी अगस्त 2020 में अपने पद से सेवानिवृत हो चुके थे, लेकिन इसके बाबजूद उन्होंने काफी समय तक आवास खाली नहीं किया था.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि जजों के सेवानिवृत होने के एक महीने के भीतर उन्हें सरकारी आवास खाली करने का प्रावधान है. अगर वे एक महीने के बाद भी सरकारी आवास में रहते हैं, तो उन्हें आवास में रहने के लिए प्रावधान के अनुसार किराया देना होगा.
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि अगर कोई राजनीतिज्ञ या नौकरशाह अपने सरकारी आवास खाली नहीं करते है, तो कोर्ट उन्हें सरकारी आवास खाली करने का आदेश देता है. लेकिन उनके द्वारा सेवानिवृत होने के बाद सरकारी आवास खाली नहीं किया जाना गंभीर मामला है. उन्होंने कोर्ट से इस सम्बन्ध में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया था, ताकि सेवानिवृत जज अपने सरकारी आवास को खाली कर दे. इस मामले पर 3 सप्ताह बाद फिर सुनवाई की जाएगी.
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    