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राजद को चुनाव के बीच लग रहा झटका पर झटका,कई स्टार प्रचारकों और दिग्गज नेताओं ने छोड़ी पार्टी...भगदड़ की स्थिति

राजद को चुनाव के बीच लग रहा झटका पर झटका,कई स्टार प्रचारकों और दिग्गज नेताओं ने छोड़ी पार्टी...भगदड़ की स्थिति

पटना: क्या राजद में सब कुछ ठीक चल रहा है. सवाल इसलिए कि  डॉ अहमद अशफाक करीम ,बूलो मंडल, करुणा सागर, रामा सिंह, वृषण पटेल, देवेंद्र यादव, गणेश प्रसाद जैसे कई राजद के दिग्गज नेताओं ने पार्टी से पल्ला झाड़ लिया है. मरहूम शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब ने भी राजद से दूरी बना लिया. 

राजद की कमान भले हीं लालू यादव के हाथ में हो लेकिन तेजस्वी ने चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ले ली है. चुनाव प्रचार में  लालू का पूरा परिवार लगा हुआ है. मीसा भारती और रोहिणी आचार्य चुनावी मैदान में हैं. लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्‍वी यादव उनके लिए वोट मांग रहे हैं. तेजस्वी इडी गठबंधन के मजबूती की बात करते हुए बिहार की 40 सीटों को जीतने का दावा कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी में हीं भगदड़ की सी स्थिति है. 

डॉ अहमद अशफाक करीम ने राजद पर गंभीर आरोप लगाकर छोड़ा पार्टी

राजद से राज्यसभा सांसद रहे डॉ अहमद अशफाक करीम ने राजद में मुस्लमानों के हकमारी की बात करते हुए इस्तीफा दे दिया और जदयू में शामिल हो गए. सीमांचल में यह राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. राजद सुप्रीमो लालू यादव को भेजे पत्र में अशफाक करीम ने पार्टी को लेकर गंभीर आरोप लगाए. अहमद अशफाक करीम ने लालू यादव को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आप जातीय जनगणना करने का दावा करते थे, जिनकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा देते थे लेकिन आपने मुसलमानों की हकमारी की है. अशफाक ने अपने पत्र में लिखा कि आपने मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुरूप तो दूर सम्मानजनक हिस्सेदारी भी नहीं दी, इसीलिए इस परिस्थिति में राजद के साथ राजनीति करना मेरे लिए संभव नहीं है.

पूर्व DGP करुणा सागर ने राजद का छोड़ा साथ

तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे करुणा सागर ने राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता छोड़ दी. कुछ समय से सागर तेजस्वी यादव के साथ नजर नहीं आ रहे थे. उन्‍होंने लालू यादव की पार्टी  को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. करुणा सागर राजद में प्रवक्ता पद पर थे. राजद छोड़ने पर सवाल खड़ा होना लाजमी है. जहानाबाद निवासी करुणा सागर भूमिहार जाति से आते हैं. वे जहानाबाद से चुनाव लड़ना चाहते थे. उन्‍होंने अब राजद  से अपना नाता तोड़ लिया है. 

वृषिण पटेल ने छोड़ा साथ

राजद के पुराने नेताओं में शुमार वृषिण पटेल ने भी लालू का साथ छोड़ दिया है. पटेल ने पार्टी छोड़ते वक्त कहा कि राजद में  अब लोकतंत्र नहीं बचा. कथित तौर पर राजद केवल परिवार की पार्टी बन गई है.  

रामा सिंह ने भी राजद का छोड़ साथ

रामा सिंह ने राजद  की सदस्‍यता और सभी पदों से खुद को अलग कर लिया और  चिराग पासवान की पार्टी में शामिल हो गए.  रामा सिंह ने भी राजद  पर गंभीर आरोप लगाए और उन्‍होंने अपनी पत्‍नी वीणा सिंह के पार्टी छोड़ने की बात कह दी है. वीणा सिंह महनार से राजद की विधायक हैं. रामा सिंह शिवहर या वैशाली से चुनाव लड़ना चाहते थे, उन्‍हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद रामा सिंह ने खुद को पार्टी से अलग कर लिया . उन्होंने भा राजद में लोकतंत्र खत्‍म होने की बात कही. 

पूर्व सांसद बूलो मंडल ने भी लालू को छोड़ा

राजद के पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार उर्फ बूलो मंडल ने भी लालू का साथ छोड़ कर जदयू का दामन पकड़ लिया. लालू की पार्टी से चुनाव लड़कर भाजपा के शहनवाज हुसैन को भागलपुर से हराने वाले बूलो मंडल भागलपुर की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन सीट शेयरिंग में ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. जिसके चलते बूलो मंडल आरजेडी से नाराज चल रहे थे.

पूर्व मंत्री देवेंद्र यादव ने राजद से किया किनारा

देवेंद्र प्रसाद यादव ने राजद की सदस्‍यता और सभी पदों से खुद को मुक्‍त कर लिया.यादव ने  कहा कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक गई है. देवेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी 'राज' करने की 'नीति' पर चल रही है जबकि, 'राज' और 'नीति' दोनों का सामंजस्‍य बैठाना जरूरी होता है.

आरजेडी के स्‍टार प्रचारक ने भी छोड़ी पार्टी

राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधान पार्षद गणेश भारती नोनिया समाज से आते हैं वे राजद के स्टार प्रचारक भी थे ने भी राजद को छोड़ दिया. 

हेना ने नहीं स्वीकारा लालू का ऑफर

कभी लालू के दाहिना हाथ रहे शहाबुद्दीन की पत्नी हेना ने भी राजद से किनारा कर लिया है. शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनके परिवार की सुध नहीं लेने से नाराज हेना सीवान से निर्दलीय चुनाव  लड़ रही है. हेना को अंत तक मानने की कोशिश हुई लेकिन उन्होंने लालू -तेजस्वी के निमंत्रण को ठुकरा दिया

राजद छोड़ने वाले तमाम नेताओं ने पार्टी में लोकतंत्र खत्म होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद सवाल उठने लगा. लालू भले हीं राजद के सुप्रीमो हों लेकिन माना जा रहा है कि कमान तेजस्वी के हाथ में है. तेजस्‍वी यादव राजद को को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं, जिसके कारण पार्टी के पुरान दिग्गज राजद का साथ छोड़ रहे हैं.  

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