पटना के सबसे बड़े भूमिहार जमींदार के पोते हैं राजद के राज्यसभा उम्मीदवार नानटून बाबू…..पढ़िये पूरी खबर

News4nation desk : राजद सुप्रीमो लालू यादव ने नानटून बाबू को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया। राजद अगर किसी भूमिहार पर दांव लगाता है तो बात आसानी से पच नहीं पाती। राजनीतिक हलके में भी लोग इसे रंग देने में लग गए हैं। लेकिन फर्टिलाइजर निर्यातक के तौर पर देश में एक बड़े नाम के तौर पर पहचान बनाने वाले अमरेंद्र धारी सिंह उर्फ नानटून बाबू आखिर हैं कौन? राजद ने नानटून बाबू का चुनाव क्यों किया .....जानिए

पटना के सबसे बड़े भूमिहार जमींदार जंगधारी सिंह के पोते है नानटून बाबू

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आखिर क्यों सबसे बड़े जमींदार भूमिहार जमींदार के पोते अमरिंदर धारी सिंह उर्फ नानटून बाबू पर अपना दांव लगाया आखिर कौन हैं नानटून बाबू ?


बता दें अमरेंदर धारी सिंह पटना जिले के दुल्हन बाजार थाना के अंतर्गत आने वाले गांव ऐन खां के रहने वाले हैं। अमरेंद्र धारी सिंह उर्फ नानटून बाबू पटना के सबसे बड़े भूमिहार जमींदार स्वर्गीय जंगधारी सिंह के मंझले बेटे प्रतापधारी सिंह के संझले बेटे हैं। 

देश के फर्टिलाइजर के बड़े निर्यातकों में से हैं एक

पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर आने वाले अमरेंदर धारी सिंह देश के फर्टिलाइजर के बड़े निर्यातकों में से एक हैं। अमरेंदर धारी सिंह के पिता का नाम स्वर्गीय प्रताप धारी सिंह और माता का नाम उर्मिला धारी सिंह था। बता दें कि अमरेंद्र धारी सिंह की माता उर्मिलाधारी सिंह सर सीपीएन सिंह की बेटी थीं। सर सीपीएन सिंह ब्रिटेन में राजदूत रहने के साथ कई राज्यो के राज्यपाल भी रह चुके थे। 

राघवेन्द्र धारी के भतीजे हैं अमरेंद्रधारी सिंह उर्फ नानटून बाबू

बता दें  80 के दशक में पटना जिले के पालीगंज अंतर्गत आने वाले दो-तीन गांव के रंगबाज किस्म के  भूमिहार नौजवानों ने सिख धर्म अपना लिया था।उसमें से कृष्णा धारी, लक्ष्मण धारी और राघवेंद्र धारी प्रमुख थे। इन लोगों ने  सिख धर्म अपनाकर पगड़ी और कृपाण धारण किया था। उस समय के दबंग लोगों में इनका नाम था। हालांकि बाद में राघवेंद्रधारी पटना गुरुद्वारा के संरक्षक भी बने। राघवेंद्र धारी सिंह स्वर्गीय जंग धारी सिंह के सबसे छोटे बेटे थे। यानी राजद के राज्यसभा उम्मीदवार अमरेंद्र धारी सिंह राघवेंद्र धारी सिंह के भतीजे हैं।