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शिक्षा मंत्री के समर्थन में राजद कार्यकर्ताओं ने किया संत परमहंस आचार्य का पुतला दहन, एफआईआर दर्ज करने की मांग

शिक्षा मंत्री के समर्थन में राजद कार्यकर्ताओं ने किया संत परमहंस आचार्य का पुतला दहन, एफआईआर दर्ज करने की मांग

SAHARSA : सहरसा जिला परिषद परिसर में आज एक सभा आयोंजित की गई। जिसका अध्यक्षता बिलक्ष्ण दास ने किया। सभा बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो चन्द्रशेखर यादव के उस बयान के समर्थन में किया गया, जो बयान नालन्दा विश्व विद्यालय के दीक्षात समारोह में पटना के ज्ञान भवन में छात्रों को सम्बोधन करते हुए कहा था। लोगो ने कहा कि प्रो चन्द्रशेखर यादव अपने विचार या मन गढ़त बातो नहीं की है। उन्होने जो कहा वह शास्त्रसम्मत बातें थी। जो उनके रामायण या उनके वेदों में लिखी गयी है। मौजूद लोगों ने कहा कि मनुस्मृति, रामायण, ऋगवेद, अर्जुवेद में इस कदर शुद्रो, अतिशुद्रों (पिछड़ी जाति एवं दलित) के सम्बन्ध में कहा गया है कि उसका उच्चारण सभा या सार्वजनिक स्थान पर नहीं किया जा सकता है। उसमें इस कदर अश्लील बातों से भरा है कि उस पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के सरकार में मनुस्मृति, रामायण, वेद, बंच ऑफ थाटस को आधार बना कर ही प्रशासन चला रहे है। आज भारत में जो भी कार्यक्रम या योजना पर काम किया जा रहा है। वह बंच ऑफ थाट्स के दिशा निर्देश पर किया जा रहा है।

आज प्रो. चन्द्रशेखर यादव का जीभ काटने पर 10 करोड़ रूपये का इनाम घोषित किया गया है। गौतम धर्मसूत्र के 20.4-6 में कहा गया है कि जो शूद्र कान से वेद सूने तो उसके कान में शीशा पिघला कर डाल देना चाहिए. जीभ से उच्चारण करें तो जीभ काट लेना चाहिए ऐसा धर्मादेश है। आज हिन्दू धर्म के ठेकेदारी में केवल शूद्रों को आहत पहुंचाने का काम किया है। भारतीय जनता पार्टी के सरकार में देश में धार्मिक उन्माद फैल गया है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को वैष्णो देवी के मंदिर में घुसने नहीं दिया। प्रयाग के कुंभ मेला में पांच पंडित पुरीहितों का चरण स्पर्श करवाया गया। दरभंगा के मंदिर में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा पूजा अर्चना करने के बाद उस मंदिर को पुनः गंगा जल से धोया गया। दरभंगा सीएम साइंस कॉलेज के प्राचार्य  युगेश्वर पासवान के सेवानिवृति के बाद उस कार्यालय को गंगा जल से धोया गया। 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री आवास को छोड़ते ही वर्त्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह प्रवेश से पहले सम्पूर्ण भवन को गंगा जल से धोकर होमादि करने के बाद गृह प्रवेश लिया गया। क्या यह भारतीय संविधान का अपमान नहीं है? क्या ऐसा व्यवहार करने पर भारत के 85% दलित / पिछड़ों एवं अल्पसंख्यों की स्वाभिमान, मान सम्मान पर आघात नहीं पहुँचा? क्या भारत के उन पढ़े-लिखे लोगों के हक अधिकार पर आहत नहीं हुई? यह प्रश्न हिन्दू धर्म के ठेकेदारों से जवाब तलब किया जा रहा है। क्या जिस हिन्दू धर्म ग्रंथों में अश्लील से जघन्यतम अश्लील बातें लिखी पड़ी है उस पर प्रतिबन्ध नहीं लगाना चाहिए? अयोध्या के मठ का पूजारी आचार्य परम हस ने घोषणा किया कि रामायण का अपमान करने वाले का जो जीभ काट कर ला देगा। उसे 10 करोड़ रूपये दिया जाएगा। सरकार को चाहिए कि आचार्य परम हंस पर एफआईआर किया जाय, ताकि पुनः उसके घोषित ब्यान से धार्मिक उन्माद न हो सके। मौके पर आनंदी राम, धनिक लाल मुखिया, भीम कुमार भारती, मनोज पासवान, धीरेन यादव, प्रमोद मुखिया अरुण यादव पूर्व विद्यायक सहित अन्य मौजूद थे। 

वहीँ मुजफ्फरपुर में भी आज शिक्षा मंत्री के समर्थन में बहुजन समाज के युवाओं द्वारा ब्राह्मणवाद और मनुस्मृति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मार्च शहर के कंपनी बाग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला लिए हुए शहर के मुख्य चौराहा सरैयागंज टावर चौक पर पहुंचा। जहां प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। इसके बाद प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस के खिलाफ नहीं उसमें कुछ लिखे गए शब्द के खिलाफ बोला है जो लोगों को बांटने का काम करता है। जिसका हम लोग समर्थन करते हैं। बहुजन समाज शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के साथ है और जिसने हमारे नेता चंद्रशेखर का जीवहा काटने का 10 करोड़ का इनाम रखा है। हम बता देना चाहते हैं की ऐसे लोग बाबा नहीं पाखंडी है और हमारे नेता का उंगली और जीभ काटने वाले का हाथ काट देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पुतला दहन किए हैं क्योंकि उनके दिलों में मनुस्मृति बैठा हुआ है। हम लोग मनुस्मृति के खिलाफ है। वही इस जुलूस में शामिल रहे शहर के अलग-अलग इलाकों से बहुजन समाज के लोग शामिल हुए। 

सहरसा से श्रुतिकान्त और मुजफ्फरपुर से अरविन्द अकेला की रिपोर्ट 

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