Patna : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी और बिहार की नीतीश कुमार सरकार को किसान विरोधी बताया है। रालोसपा ने कहा है कि कृषि बिल के जरिए मोदी सरकार किसानों को कारपोरेट घरानों का गुलाम बनाने में लगी है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश के अन्नदाताओं के साथ सरकार छल और धोखा करने में लगी है। पहले नोटबंदी, फिर व्यापार बंदी, उसके बाद तालाबंदी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार खेत बंदी करने की कोशिश में है। हम सरकार के इस कदम का विरोध करते हैं।
कुशवाहा ने बिहार सरकार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद पहला काम मंडी प्रणाली खत्म कर न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म कर डाला। नीतीश कुमार के कार्यकाल में किसान औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में बिल के समर्थन से नीतीश कुमार का किसान-मजदूर विरोधी चेहरा फिर उजागर हुआ है।
रालोसपा सुप्रीमो कृषि बिल को काला कानून बताते हुए कहा कि संसद में सरकार ने तानाशाही रवैया अपना कर और लोकतांत्रिक मूल्यों को परे रख कर दोषपूर्ण कृषि बिल पास कर लिया। इसके पास होने से प्राकृतिक आपदाओं को झेल कर देशवासियों का पेट पालने वाले किसान अब चंद कार्पोरेट घराने को गुलाम हो जाएंगे। कुशवाहा ने नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट पर तंज करते हुए कहा कि किसानों और मजदूरों की भला करने की बात करने वाले प्रधानमंत्री को खरीफ और रबी की फसलों का अंतर भी पता नहीं है, लेकिन वे दावा किसानों के हितों की कर रहे हैं।
वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने बयान जारी कर कहा कि रालोसपा ने किसान संगठनों के 25 सितंबर के भारत बंद के फैसले का समर्थन करने का फैसला किया है। पार्टी अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर किसानों के मुद्दे पर बुलाए भारत बंद के समर्थन का एलान किया है। मल्लिक ने कहा है कि पार्टी ने गठन के समय ही जय किसान-जय नौजवान का नारा दिया था। बिहार में पार्टी युवाओं और किसानों के मुद्दे पर लगातार संघर्ष कर रही है।