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नीतीश के जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं की भूमिका पर दिए बयान पर बवाल, राष्ट्रीय महिला आयोग सख्त,कहा- माफी मांगे बिहार मुख्यमंत्री, भाजपा ने मांगा इस्तीफा

नीतीश के  जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं की भूमिका  पर दिए बयान पर बवाल, राष्ट्रीय महिला आयोग सख्त,कहा- माफी मांगे बिहार मुख्यमंत्री, भाजपा ने मांगा इस्तीफा

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में मंगलवार को सदन मे शिक्षा की भूमिका और जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं की भूमिका  पर अपने ज्ञान का पिटारा खोला तो उनके शब्दों को लेकर बिहार से लेकर दिल्ली तक हंगामा खड़ा हो गया. नीतीश कुमार ने कहा कि शादी के बाद पुरुष अपनी पत्‍नी को यौन संबंध स्थापित करने के लिए कहते हैं, लेकिन जैसा कि हमने बिहार में महिलाओं को शिक्षित किया है, वे अपने पतियों को सही समय पर ऐसा करने से रोकने के लिए कहती हैं. इसके कारण बिहार की जनसंख्या नियंत्रण में है. इसके मुक्यमंत्री ने अपने शब्दों में कहा था. यह सुनकर पीछे बैठे कुछ विधायक हंस रहे थे. इस बयान को लेकर  राष्ट्रीय महिला आयोग ने सीएम नीतीश के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए माफी मांगने के लिए कहा है. 

बता दें जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने सदन में जानकारी दी. नीतीश ने बताया कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान रोक सकती है.नीतीश कुमार ने कहा कि पति के कृत्यों के कारण अधिक बच्चे पैदा होते हैं. शिक्षा प्राप्त करने के बाद एक महिला जानती है कि उसे कैसे रोकना है... यही कारण है कि जन्म दर में कमी आ रही है. नीतीश ने  पत्रकारों की ओर इशारा करते हुए कहा आप लोग इसे अच्छी तरह समझते हैं. पहले यह (प्रजनन दर) 4.3 थी, लेकिन अब यह घटकर 2.9 हो गई है और जल्द ही हम 2 तक पहुंच जाएंगे.नीतीश कुमार बिहार में प्रजनन दर कम करने को लेकर ऐसा पाठ पढ़ाने लगे, जिससे सदन में उपस्थित महिला विधायक भी झेंप गई. इसे वे अपने शब्दों में बता रहे थे.

नीतीश के बयान की राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ी आलोचना की है.  राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि "एनसीडब्ल्यू इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से सीएम नीतीश कुमार से तत्काल और स्पष्ट माफी की मांग करती है. विधानसभा में उनकी अशोभनीय टिप्पणी अपमानजनक है." एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उस गरिमा और सम्मान के लिए जिसकी हर महिला हकदार है. उनके भाषण के दौरान इस्तेमाल की गई ऐसी अपमानजनक और घटिया भाषा हमारे समाज पर एक काला धब्बा है. अगर कोई नेता लोकतंत्र में इतनी खुलेआम ऐसी टिप्पणियां कर सकता है, तो कोई केवल कल्पना कर सकता है कि राज्य कितना भयावह होगा उनके नेतृत्व में. हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और जवाबदेही की मांग करते हैं." 

वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है कि नीतीश कुमार द्वारा सदन में महिलाओं के लिए इस्तेमाल की गई अपमानजनक भाषा की कड़ी निंदा करता हूं. उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए.

वहीं भाजपा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, देश के राजनीतिक इतिहास में नीतीश कुमार जैसा अभद्र नेता किसी ने नहीं देखा होगा और मांग की कि सार्वजनिक स्थानों पर नीतीश कुमार के दोहरे अर्थ वाले संवादों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए . यह पूछते हुए कि कोई व्यक्ति इस तरह से अश्‍लील कैसे हो सकता है, इसमें कहा गया कि उन्होंने विधानसभा में और फिर विधान परिषद में अश्‍लील बयान दिया. उन्होंने बिहार विधानसभा में पुरुष और महिला संबंधों का पोस्टमॉर्टम करके अपना चरित्र उजागर किया. महिला सशक्तिकरण के नाम पर उन्होंने अपनी सबसे घटिया सोच का पुख्ता सबूत दिया है. वह अब बिहार पर सिर्फ एक बोझ हैं.

बीजेपी विधायक गायत्री देवी और स्वीटी हेम्ब्रम ने कहा कि मुख्यमंत्री पर उम्र हावी हो गई है और ऐसा लगता है कि उन्होंने मर्यादा खो दी है.निक्की हेम्ब्रम ने कहा कि वे (नीतीश कुमार) जिस बात को कह रहे थे उसे और मर्यादित तरीके से कहा जा सकता था, लेकिन महिलाओं को लेकर वह असंवेदनशील हैं. महिलाओं के प्रति उनकी नजर में कोई सम्मान नहीं है."  वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की 6.5 करोड़ महिलाओं को शर्मसार किया है. मैं उनसे हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि कोई भी बात बोलने से पहले उन्हें इसका ध्यान रखना चाहिए कि वे क्या बोल रहे हैं.

वहीं सरकार में शामिल राजद ने मुख्यमंत्री के बयान का बचाव किया है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सीएम नीतीश कुमार के बयान पर सवाल किया गया तो उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव  ने कहा, "अगर कोई इस बयान का गलत मतलब निकालता है तो ये गलत बात है. मुख्यमंत्री का बयान सेक्स एजुकेशन को लेकर था. जब भी सेक्स एजुकेशन की बात की जाती है तो लोग शर्माते हैं, झिझकते हैं, जिससे बचना चाहिए. इसकी पढ़ाई तो अब स्कूलों में होती है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए व्यावहारिक तौर पर क्या किया जाना चाहिए? इसे गलत तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए.

तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि विधानसभा के अंदर नीतीश कुमार द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा सर्वाधिक अश्लील, अभद्र, स्त्रियों के प्रति सर्वाधिक द्वेषपूर्ण, लैंगिक और पितृसत्तात्मक है." उन्होंने नीतीश के इस्तीफे की मांग की। 

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