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सहारा श्री सुब्रत रॉय का मुंबई में निधन, बिहार के अररिया में जन्में रॉय अरसे से चल रहे थे बीमार, बिजनेसमैन,बॉलीवुड हस्तियों ने व्यक्त किया शोक

सहारा श्री सुब्रत रॉय का मुंबई में निधन, बिहार के अररिया में जन्में रॉय अरसे से चल रहे थे बीमार,  बिजनेसमैन,बॉलीवुड हस्तियों ने व्यक्त किया शोक

डेस्क- सहारा श्री सुब्रत रायॅ का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया . वह गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. करीब दो माह पूर्व वह इलाज के लिए मुंबई गये थे. वह अपने पीछे पत्नी स्वप्ना राय और दो बेटों सुशांतो और सीमांतो को छोड़ गए है. तीनो कई साल से विदेश में हैं.  सहारा इंडिया परिवार ने एक प्रेस नोट जारी करके निधन की सूचना दी है .सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था. वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में 'सहाराश्री' के नाम से भी जाना जाता था. बिहार के अरारिया जिले में जन्मे सुब्रत रॉय ने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। सहाराश्री ने वर्ष 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय शुरू किया. 

आज उनका पार्थिव शरीर लखनऊ लाया जाएगा.  लखनऊ में ही उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी. उत्तर प्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सुब्रत राय के निधन पर दुख प्रकट किया है.उनके निधन की खबर ने न केवल बिजनेस जगत को बल्कि इंडस्ट्री को भी गहरा सदमा दिया है. राजनेताओं से लेकर बिजनेसमैन और बॉलीवुड हस्तियों तक सभी उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं. सहारा प्रमुख ने 75 साल की आयु में अंतिम सांस ली. वह उद्योग जगत के साथ ही बी-टाउन में भी पहचान रखते थे. मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली की कई हस्तियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक अपनी पहुंच रखने वाले सुब्रत रॉय सहारा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. अपनी मेहनत के दम पर देश-विदेश में नाम कमाने वाले सुब्रत रॉय सहारा के निधन ने सभी को झकझोर कर रख दिया है .

बता दें करीब एक दशक पूर्व रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ. सेबी ने सहारा की दो कंपनियों में जमा निवेशकों की रकम को नियम विरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियो में ट्रांसफर करने पर आपत्ति करते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा. सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी.कोर्ट के आदेश पर बिकने वाली संपत्तियों से मिलना वाली रकम भी सहारा को सेबी के पास जमा कराने का आदेश दिया. सहारा ने कुछ किस्तों में सेबी को कुल जमा धनराशि का बड़ा हिस्सा दिया, लेकिन पूरी रकम को जमा नहीं कर सका. इस बीच सहारा ग्रुप की कंपनियों और उसके निदेशकों के खिलाफ कई राज्यों में सैंकड़ों मुकदमे दर्ज होते गए और पुलिस सुब्रत राय और बाकी निदेशकों की तलाश में लखनऊ समेत कई जगहों पर छापा मारती रही. हालांकि सहारा समूह को कुछ राहत तब मिली जब केंद्र सरकार ने सहारा के निवेशकों की रकम को वापस करने के लिए पोर्टल शुरू किया. सहारा समूह के पास वर्तमान में देश के कई शहरों में संपत्तियां हैं जिनकी कीमत दो लाख करोड़ से अधिक होने का दावा किया जाता है.

बिहार के अररिया जिले के निवासी सुब्रत रॉय ने कोलकाता और गोरखपुर में शिक्षा हासिल करने के बाद वर्ष 1978 में माइक्रो फाइनेंस का कारोबार शुरू किया था. देखते ही देखते सहारा समूह छोटे निवेशकों की कमाई को जमा करने और उनको लुभावने ब्याज पर रकम वापस करने वाला बड़ा समूह बन गया. बाद में सहारा समूह ने रियल एस्टेट के कारोबार में भी हाथ आजमाया. वर्तमान में यह समूह इलेक्ट्रिक वाहन, इंश्योरेंस, मीडिया आदि सेक्टर में काम कर रहा है. सहारा के पास लखनऊ, गोरखपुर, मुंबई में तमाम बेशकीमती संपत्तियां हैं, जिसमें एंबी वैली प्रमुख है.     



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