PATNA : आगामी 25 दिसंबर के बाद भी बिहार में बालू का खनन जारी रहने की संभावना जगी है। मामले में बताया जा रहा है सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में बिहार को राहत मिल सकती है। जिसके बाद न सिर्फ बिहार सरकार, बल्कि लोगों को बालू के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि अभी कोर्ट ने इस संबंध में कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया है। पर खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों के अनुसार विभाग के वकीलों को कोर्ट से राहत के संकेत मिल गए हैं।
बता दें कि राज्य में बालू खनन का काम बिहार राज्य खनन निगम के पास है। लेकिन इस विभाग को बालू खनन की अनुमति 25 दिसंबर को खत्म हो जाएगी। जिसके बाद उन्हें इसकी अनुमति नहीं है। राज्य में बालू खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुराने बालू घाटों से 25 दिसंबर, 2022 तक बालू खनन की अनुमति दी थी. इस दौरान नये डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नये करीब 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती और उनपर सिया से पर्यावरणीय मंजूरी की समय -सीमा भी 25 दिसंबर तय की थी। ऐसे में विभाग का मानना है कि पुराने बंदोबस्तधारियों का ही अवधि विस्तारित कर दिया जाए ताकि बालू का खनन निर्धारित प्रावधान के तहत होता रहे। इससे राज्य के लोगों को परेशानी नहीं होगी।
हो सकता है बड़ा संकट
कोर्ट के निर्देश के तहत राज्य में 25 दिसंबर के बाद बालू का खनन बंद होना है। वैसे अभी सूबे में बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसीलिए बिहार ने सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी है। तर्क यह है कि बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी न हो पाने के कारण कोर्ट के निर्देशानुसार बालू खनन बंद करना पड़ेगा तो बालू का संकट खड़ा हो सकता है। पिछले दिनों मुख्य सचिव के स्तर पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में इन समस्याओं पर विचार किया गया था जिसके बाद खान एवं भूतत्व विभाग ने लोगों के राहत के लिए पहल शुरू की।