डेस्क... बिहार में चुनाव अभी-अभी खत्म हुआ है और कुछ अन्य राज्यों में चुनाव होने वाला है। चुनाव के समय राजनेताओं का सबसे प्रमुख मुद्दा भ्रष्टाचार को खत्म करना ही होता है, लेकिन भारत में ये क्या संभव होता दिखाई दे रहा है। भारत में केंद्र की सरकार भी भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए लगातार बयानों की बौछार करती है, लेकिन केंद्र हो या राज्य, ढाक के तीन पात वाली कहानी ही रहती है। इस बीच चौंकाने वाली खबर ये है कि ऐशिया में घूसखोरी के मामले में भारत को पहला स्थान मिला है। आंकाड़ों के मुताबिक भारत पहला स्थान पाकर राजनैतिक दलों के नेताओं के दावों को पोल खोलती नजर आ रही है।
बता दें कि रिश्वतखोरी के मामले में भारत की स्थिति एशिया में सबसे खराब है। यहां घूसखोरी की दर 39% है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल के एक सर्वे के मुताबिक, केवल 47% लोग मानते हैं कि पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 63 फीसदी लोगों की राय है कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में अच्छा काम कर रही है। सर्वे के अनुसार, भारत में सरकारी सुविधाओं के लिए 46% लोग निजी कनेक्शंस का सहारा लेते हैं। रिपोर्ट कहती है कि रिश्वत देने वाले करीब आधे लोगों से घूस मांगी गई थी। वहीं, निजी कनेक्शंस का इस्तेमाल करने वालों में से 32% ने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनका काम नहीं होता।
भारत पहला तो कंबोडिया व इंडोनेशिया दूसरे व तीसरे स्थान पर
भारत के बाद सबसे ज्यादा घूसखोरी कम्बोडिया में है जहां 37 फीसदी लोग रिश्वत देते हैं। 30% के साथ इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है। मालदीव और जापान में घूसखोरी की दर पूरे एशिया में सबसे कम हैं जहां केवल 2% लोग ही ऐसा करते हैं। दक्षिण कोरिया और जापान की स्थिति भी बेहतर है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल के सर्वे में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया। बांग्लादेश में घूसखोरी की दर भारत के मुकाबले काफी कम (24%) है जबकि श्रीलंका में यह 16% है।
भ्रष्टाचार का खुलासा करने से लगता है डर
भारत में जिन लोगों का सर्वे हुआ, उनमें से पुलिस के संपर्क में आए 42% लोगों ने घूस दी। पहचान पत्र जैसी सरकारी दस्तावेज हासिल करने के लिए भी 41% लोगों को घूस देनी पड़ी। निजी कनेक्शन का इस्तेमाल कर काम निकलवाने के मामले सबसे ज्यादा पुलिस (39%), आईडी हासिल करने (42%) और अदालती मामलों (38%) से जुड़े रहे। रिपोर्ट में एक चिंताजनक आंकड़ा यह भी दिया गया है कि भ्रष्टाचार की जानकारी देना महत्वपूर्ण है लेकिन 63% लोग उसके अंजाम से डरते हैं।