SAWAN SPECIAL: सुल्तानगंज के इस मंदिर से बाबा बैद्यनाथ का है सीधा सम्बन्ध, जानिए क्या है मान्यता

BHAGALPUR: भगवान शिव की भक्ति और आस्था का पावन महीना सावन आज से शुरू हो गया है। महादेव की महिमा भक्तों के सर चढ़ कर बोलने लगी है। श्रावण में शिवलिंग पर जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है। बता दें कि, बिहार के सुल्तानगंज से बड़ी संख्या में महादेव की भक्तों की टोली प्रतिदिन उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्नान कर विधान पूर्वक बाबा वैद्यनाथ पर जलाभिषेक के लिए पैदल निकल जाते हैं। बाबा के दर्शन हेतु पहुंचे भक्तों के लिए भागलपुर में श्रावणी मेला का आयोजन किया जाता है। 

गौरतलब हो कि, भागलपुर के सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर बसे बाबा अजगैबीनाथ की महिमा अपरंपार है। सावन आते ही अजगैबीनाथ में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु जल अर्पण करने पहुंचते हैं। हजारों वर्ष पुराने इस मंदिर के कई किस्से हैं। जिसे मंदिर के मठाधीश महाराज प्रेमानंद गिरि ने न्यूज फॉर नेशन के रिपोटर के साथ साझा की है। 

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दरअसल, मंदिर के मठाधीश महाराज प्रेमानंद गिरि ने बताया कि इस मंदिर के ऊपर लगा ध्वज 1885 का है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे पूर्व का ही यह मंदिर होगा। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के ध्वज को रानी कलावती ने दान स्वरूप दिया था। इस मंदिर में दो शिवलिंग है ऐसा कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व दो ऋषि मुनि जल लेकर रोज देवघर बाबा को जल अर्पण करने जाते थे। जब भगवान शिव प्रसन्न हुए तो उन दोनों ऋषि मुनि की परीक्षा लेने बीच रास्ते में प्रगट हो गए और उनसे जल पीने के लिए मांगने लगे। 

वहीं उन दोनों भक्तों ने बताया कि यह जल वह बाबा को अर्पण करने के लिए ले जा रहे हैं। हम आपको नहीं दे सकते हैं। बाबा वैद्यनाथ ने तब उनको अपना दर्शन दिए और उन्होंने कहा कि आज से तुम दोनों जल लेकर देवघर नहीं आना। तुम दोनों जाओ उसी जगह तुमको दो शिवलिंग मिलेगा दोनों अपने अपने शिवलिंग की पूजा करना। तब से ऐसी मान्यता है कि सरकारी पूजा से पूर्व जितने भी जल बाबा को अर्पण होते हैं वह सीधे देवघर वाले बाबा को जल चढ़ता है। सरकारी पूजा के बाद जल अर्पण करने से बाबा अजगैबीनाथ को वह जल चढ़ता है।