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जमुई की जंग में सवर्णों की सहानुभूति क्या अजय प्रताप सिंह के साथ है?,राजपूत मतददाताओं की भी शुरू हुई गोलबंदी,किसके तरफ कौन?

जमुई की जंग में सवर्णों की सहानुभूति क्या अजय प्रताप सिंह के साथ है?,राजपूत मतददाताओं की भी शुरू हुई गोलबंदी,किसके तरफ कौन?

JAMUI : अगले 48 घण्टे बाद जमुई के लड़ाकों का फैसला ईवीएम में बन्द हो जाएगा। कौन होगा जमुई की जनता का पसंद। यह तो 10 अक्टूबर को पता चलेगा। लेकिन अपने अपने स्तर से मतददाताओं को साधने की अंतहीन कोशिश अपने चरम पर है। रालोसपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह, बीजेपी उम्मीदवार गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह और लालटेन लेकर उजाला फैलाने की कोशिश में लगे विजय प्रकाश पुरजोर ढंग से चुनाव प्रचार में जुटे हैं। अब बड़ा सवाल है की जमुई का जंग जीतेगा कौन? जमुई की जनता किस पर भरोसा करती है। अभी तक जो बातें सामने आ रही उसमें बिहार में सब जगह चल रहा कास्ट फैक्टर यहां भी अपना रंग दिखा रहा है।

गौरतलब है कि धुरंधर समाजवादी नेता व पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का एक अलग ही राजनीतिक रुतबा जमुई की धरती पर रहा है। राजनीतिक विश्लेषक अजय कुमार बताते हैं कि विरासत में मिली विनम्र राजनीति  के रंग में डूबे अजय प्रताप को समाज के सभी वर्गों का स्नेह प्राप्त रहा है। 

जमुई में खासकर सवर्ण वर्गों में नरेंद्र बाबू का अपना ही वर्चस्व रहा है। एक संरक्षक के तौर पर नरेंद्र सिंह हर सुख दुख में अपने मतददाताओं के साथ खड़े रहते हैं। वही हाल अजय प्रताप सिंह का भी रहा है। पिता की विरासत को जमुई के राजनीति पथ पर सरलता और विनम्रता के साथ बढाने की वजह से भूमिहार और ब्राह्मण मतदाताओं का झुकाव अजय प्रताप सिंह की तरफ दिख रहा है। दिग्गज समाजवादी स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने का सपना लेकर अचानक चुनाव मैदान में कूदी गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह की पार्टी बीजेपी और उनके लोगों की भी भरपूर कोशिश जारी है कि जनता इनके पक्ष में आये। 

राजपूत मतदाता किधर जाएंगे

जमुई विधानसभा में राजपूत मत डिसाइडिंग फैक्टर है। श्रेयसी सिंह के अचानक चुनाव मैदान मे आ जाने की वजह से मामला शुरू में थोड़ा उलझा उलझा सा नजर आ रहा था। लेकिन जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है तो राजपुताना भी गोलबंद हो रहा है। हालांकि नापने और परखने के सिलसिला भी जारी है। अजय प्रताप का पलड़ा इसलिए भारी होता दिख रहा है कि उनके पास जमुई के स्थानीय  होने का लाभ तो मिल ही रहा है। साथ ही पूर्व विधायक और क्षेत्र के लोगों के साथ लगातार जुड़े रहने का भी असर दिख रहा है। पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की एक अपनी छवि जमुई जिले में है जिसका सीधा लाभ अजय प्रताप को ही मिल रहा है। सवाल विश्वास का है। अजय प्रताप कहते हैं कि जनता के हितों की रक्षा मेरे लिये सर्वोपरि है। हम हमेशा जनता के साथ खड़े रहते हैं। विश्वास है कि जनता हमारा साथ देगी क्योंकि उन्हें पता है कि हमारा सच्चा सेवक और सहयोगी कौन है।


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