ARWAL : जिले में आगनबाडी केंद्र में पोशाक की राशि वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली बरतते हुए राशि का घोटाला उजागर हुआ है। यह मामला उस समय उजागार हुआ जब कई आंगनबाड़ी केंद्र पर सेविका के द्वारा पोशाक राशि न देकर पोशाक बच्चों के बीच में वितरण किया गया। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र के कई बच्चों के अभिभावकों ने पोशाक राशि के जगह पर बना हुआ पोशाक लेने से इनकार किया। तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ है। खुलासा होते ही पोशाक राशि के जगह पर पोशाक वितरण करने वाले आंगनबाड़ी केंद्र के सहायक सेविका सहायिका के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। लेकिन इस मामले में आंगनबाड़ी केंद्र के जुड़े बड़े बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। बच्चों के पोशाक राशि 400 रूपये प्रति बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र पर वितरण करना है। लेकिन बाल विकास परियोजना कार्यालय से ही नियम कानून को ताक पर रखते हुए पोशाक राशि का वितरण नही कर पोशाक बच्चो के बीच वितरण कराया जा रहा है। कई आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका सहायिका ने बताया कि पोशाक राशि न देकर बच्चों के बीच में पोशाक वितरण किया गया है। आगनबाडी केंद्र संख्या 182 कमरून खातून ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के बीच में ड्रेस वितरण किया गया है। इसके लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय से ही निर्देश दिया गया था। उन्होंने यहां तक बताया कि 35 बच्चों के लिए 70 ड्रेस भेजा गया था। इसके लिए 7000 रूपये भी दिए हैं और बच्चों के ड्रेस का वितरण किए हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या ड्रेस वितरण करने के लिए नियम है। तब सेविका ने कहा कि हम लोग को ड्रेस वितरण करने के लिए कहा गया है तो ड्रेस वितरण कर रहे हैं। जबकि नियमावली है कि बच्चों में पोशाक के राशि वितरण करना है। इसी प्रकार आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 49 के सेविका आशा मनी देवी ने बताई की हमें भी ड्रेस उपलब्ध कराया गया है। इसके एवज में पैसा लिया गया है। उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना कार्यालय से शशी नाम के एक लड़का ड्रेस लेकर आया था। वही ड्रेस हमें उपलब्ध कराया है। 35 बच्चो के लिए 70 ड्रेस लेकर वितरण किये है। शशी को ही 7 हजार दिया है। उन्होंने बताया कि कार्यालय के द्वारा जो निर्देश मिला है। उस निर्देश के आलोक में बच्चों में पोशाक वितरण किया गया है। करपी प्रखंड के सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चो के बीच पोशाक राशि का वितरण नही करते हुए बिचौलिया के द्वारा उपलब्ध कराए गए कम लागत के पोशाक बच्चों में वितरण किया गया है। करपी प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के बीच में पोशाक राशि वितरण मामले में लाखों रुपए का घोटाला हुआ है। अगर पूरी मामले को गंभीरता से जांच किया जाए तो बाल विकास परियोजना से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका सहायिका भी फंस सकते हैं। इस मामले में बाल विकास परियोजना कार्यालय से बड़ा बाबू से लेकर कई अधिकारी जिम्मेवार है। जिनके द्वारा इस तरह की अनियमितता बरसते हुए नियम कानून के ताक पर रखकर बच्चों के बीच में पोशाक के राशि वितरण न कर कम लागत के ड्रेस वितरण कर दिया गया है।
एक आगनबाड़ी केंद्र के सेविका नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पोशाक राशि देकर कहा जाता है की इसी आदमी को ड्रेस भेजा जाएगा। आपको लेना है और उसी ड्रेस को बच्चों में वितरण के लिए कहा जाता है। ऐसी स्थिति में हम लोग क्या करें। हम लोग काफी मजबूर हैं। बाल विकास परियोजना कार्यालय के सम्बंधित पदाधिकारी के द्वारा दबाव बनाया जाता है। इस संबंध में आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमारी पूजा ने बताया कि किसी भी हाल में आंगनबाड़ी केंद्र में ड्रेस वितरण नहीं करना है। हर हाल में बच्चों के बीच में पोशाक के राशि ही वितरण करना है। लेकिन किस परिस्थिति में इस तरह से ड्रेस वितरण किया गया है। इस मामले को पूरी तरह से जांच कराया जाएगा। आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा तत्काल प्रभाव से पोशाक राशि वितरण बंद कर दिया गया है। जांच में जो भी इस मामले में संलिप्त या दोषी पाया जाएगा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले को लेकर करपी प्रखंड प्रमुख संगीता देवी के द्वारा कई आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों में पोशाक राशि 400 वितरण न करके कम लागत के ड्रेस उपलब्ध कराया गया है। इस बात की जानकारी आंगनबाड़ी के सेविका के द्वारा खुद प्रमुख के समक्ष कहा गया है। जिस पर प्रखंड प्रमुख आगबबूला हो गए। प्रखंड प्रमुख के द्वारा इस मामले को लेकर बाल विकास परियोजना कार्यालय के संबंधित पदाधिकारियों से बात की गई। पूछा गया की किसके आदेश से आंगनबाड़ी केंद्र में पोशाक राशि वितरण न कर पोशाक वितरण कराया गया है। इस मामले में जानकारी मांगा गया है। साथ ही बाल विकास परियोजना कार्यालय के प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण भी प्रमुख के द्वारा किया गया है। इस मामले को लेकर जिला पदाधिकारी से लेकर आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से भी पत्र लिख कर जवाब मांगा गया है।
अरवल से राजू कुमार की रिपोर्ट