आत्मनिर्भर भारत ! स्वतंत्रता दिवस में पहली बार दी जाएगी स्वदेश में निर्मित 21 तोपों से सलामी

NEW DEHLI : नई दिल्ली में लाल किले पर होनेवाला स्वतंत्रता दिवस का समारोह इस बार खास होने वाला  है। जहां समारोह में 1800 खास अतिथियों को निमंत्रण दिया गया है। जिनमें एक बड़ी संख्या देश के आम लोगों की है। जिन्हें पीएम ने खास तौर पर बुलाया है। वहीं इस साल पहली बार ऐसा होना जा रहा है कि तिरंगे को सलामी देने के लिए ब्रिटिश तोपों की जगह देश में निर्मित तोपों का प्रयोग किया जाएगा। इस साल स्वदेशी 105 MM फील्डगन 21 राउंड फायर करेगी। 

बता दें कि पिछले साल ब्रिटिश पाउंडर गन ने लाल किले पर ध्वजारोहण के दौरान सलामी दी थी। पाउंडर गन ने 20 राउंड फायर किए थे जबकि एक राउंड फायर स्वदेशी 155 एमएम ATAGS से किया गया था। इस साल गणतंत्र दिवस में ब्रिटिश पाउडर गन की जगह स्वदेशी 105 MA स्वदेशी फील्ड गन से सलामी दी गई थी।

1972 में किया डिजाइन

1972 में किया गया डिजाइन इस गन को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैबलिश्मेंट ने 1972 में तैयार किया था। 1984 में इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर में शुरू किया गया था। इसके बाद से ही यह भारतीय सेना के साथ है। इस गैन के गोला-बारूद को को भारत में ही तैयार किया गया है। इसका उत्पादन अंबझारी और चंद्रपुर में स्थित फैक्ट्री में किया जाता है।


खास हैं यह 1800 लोग

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 इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में देश भर से करीब 1800 लोगों को उनके पति/पत्नी के साथ खास मेहमान के तौर पर निमंत्रण दिया गया है। इसमें 660 वाइब्रेंट विलेज के करीब 400 सरपंच हैं। फार्मर प्रॉड्यूसर ऑर्गनाइजेशंस स्कीम से करीब 250 लोग, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से 50, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से 50 लोग, सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट से 50 कंस्ट्रक्शन वर्कर, 50 प्राइमरी स्कूल टीचर, 50 नर्स, 50 मछुवारे आदि शामिल हैं। इसके साथ ही हर राज्य और यूनियन टेरिटरी से 75 जोड़ों भी उनके पारंपरिक परिधान में लाल किले पर 15 अगस्त समारोह देखने के लिए अतिथि के तौर पर बुलाए गए हैं। इनमें से कुछ स्पेशल गेस्ट नैशनल वॉर मेमोरियल भी जाएंगे और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट से मिलेंगे। 

बता दें कि लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दसवीं बार ध्वजरोहण करेंगे। जिसको लेकर पूरी नई दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और दिल्ली की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।