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सात फेरों के बाद तय करें सात लक्ष्य

सात फेरों के बाद तय करें सात लक्ष्य

लाइफस्टाइल डेस्क : सब्र, समझदारी, सहनशीलता और बहुत-सी मुस्कराहटों से बनता है एक मजबूत रिश्ता। सात वचनों और सात फेरों के बाद सात लक्ष्यों को साथ-साथ जीवन में उतारने की कोशिश हर सुबह के साथ शुरू करनी होगी! 

पहला : "आभार भीपरिचय भी"  एक दूसरे को पा लेने के लिए ईश्वर के आभार के साथ, अब साथ मिलकर उन सब का आभार मानें जो आप दोनों के अपने हैं। प्यारे से ग्रीटिंग कार्ड्स लें और कुछ अपनेपन में भीगे शब्द लिखें। शुरुआत करें अपने माता-पिता से और उन सभी को आभार लिख भेजें जो आपके विवाह में शामिल हुए। हर व्यक्ति से जुड़ी हुई कोई खास बात/याद साझा करें। इस तरह आपके नए नवेले पति/पत्नी को भी इस व्यक्ति से आपका लगाव समझ में आएगा और जब भी वे उनसे मिलेंगे, खुद को उनसे जुड़ा हुआ महसूस करेगें। आप दोनों का यह पहला साझा कदम उनके दिलों में हमेशा के लिए छाप छोड़ देगा और आपके सभी रिश्तेखिल उठेंगे।

दूसरा : "उत्सव मन के होते हैं" अमूमन हर बड़ा त्योहार नवविवाहित अपने बड़ों के साथ मनाते हैं। होली, दीपावली जैसे त्योहारों की रवायतें भी हैं। कोशिश करें कि एक त्योहार ससुराल में मने, तो एक मायके जा कर मनाएं। बेटी-दामाद के साथ होने से त्योहार की ख़ुशी दोगुनी होगी। अपने-अपने घरों के रिवाजों के अलावा जहां भी आप दोनों का बसेरा हो, वहां एक छोटी, खूबसूरत-सी रवायत बनाएं। साल में एक बार एक भजन संध्या करें, दीप-यज्ञ करें, कथा या कोई भी एक आध्यात्मिक प्रसंग का आयोजन करें। इससे वातावरण में सकारात्मकता फैलती है। आसपास के लोगों से संपर्क बनता है। ऐसे अवसर आपको शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तौर पर मजबूत रखते हैं।

तीसरा : "सेहत का साझा वादा" नए जीवन की शुरुआत है और ढेरों सपने आपने संजोए हैं। स्वस्थ रहना, इन सपनों को साकार करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। साथ में टहलना, जिम जाना, खाने-पीने की आदतों को सही रखना आप दोनों को हर तरह जोड़ेगा। एक-दूसरे की परवाह करना, आप दोनों को भावनात्मक रूप से भी जोड़ेगा। एक व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो तो उससे घर का हर सदस्य परेशान होता है। जिंदगी की इस जरूरत के लिए शुरुआत से ही साथ-साथ प्रतिबद्ध रहना, आपके रिश्ते को नया आयाम देगा। अपने स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार रहने को आगाह किए रहेगा और आप दोनों कुछ अच्छा वक्त साथ बिता पाएंगे, रोजाना।

चौथा : "धन जोड़ें भीजोड़े भी"  प्राथमिकता तय करें। खर्च, बचत की स्पष्ट समझ रखें। बजट बनाकर रखें। कर नियोजन करें। क्रेडिट कार्ड्स के खर्चों पर कड़ी नजर रखें। भविष्य में आने वाली बड़ी ज़िम्मेदारियों का ध्यान रखें। अपने खर्च और वित्त व्यवस्था से जुड़ी हर जानकारी लिखित रखें। अपने बैंक खाते, निवेश की जानकारी एक-दूसरे को पता हो। मुद्दे की बात यह है कि शुरुआत से ही अपनी आदतें व्यवस्थित रखें। आपसी विश्वास को धन संबंधी पारदर्शिता से मजबूत बनाएं।

पांचवा : "दोस्ती भीरिश्ता भी"  पति-पत्नी पहले अच्छे दोस्त हों, यह कोशिश होनी चाहिए। जीयें और जीने दें। एक दोस्त की तरह अपने पार्टनर को सुन, समझ पाएं। बिना किसी तरह की राय बनाएं, तो क्या बात है। हर समय साथ रहने पर ऐसा होना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं। ख़ुद का फ्रेंड सर्किल बनाएं, अपनी हॉबीज को वक्त दें और खुद के लिए समय निकालें, तब सब मुमकिन है।

छठा : "सैर से रिश्ता हो ताज़ा" कौन नहीं जानता नई जगहों पर जाने के फ़ायदे? सैर सिर्फ़ मज़े के लिए नहीं होती। यह आपकी सोच का दायरा बढ़ाती है, सहनशीलता, दूरदर्शिता व बुद्धिमता भी बढ़ाती है। आप एक बेहतर इंसान बनते हैं। क्या अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए यह सभी जरूरी नहीं? तो वादा करें कि आप हर साल किसी नई जगह जरूर जाएंगे।

सातवां : "देने का सुख लें"  बहुत से नवयुगल, मेहमानों से दरख्वास्तकरते हैं कि बजाय उन्हें तोहफा देने के किसी अनुमोदित संस्था को दान दें। ‘दुआओं’ से बेहतर और कोई तोहफा हो भी तो नहीं सकता। खुद को एकाकी होने से बचाए रखने की कोशिश है यह। हां, आपका दिल खुशियों से लबरेज रहे, इसके लिए ‘पर-उपकार’ से बेहतर और कोई तरीक़ा नहीं है। दूसरों के चेहरों पर मुस्कराहट ले आने से जीवन के तनाव छूमंतर हो जाते हैं। जिंदगी को एक लक्ष्य भी मिलता है आपके अंदर, दूसरों को खुश देखने की भावना को बल मिलता है। यही तो है खुशनुमा जीवन का रहस्य। तो साझा उद्देश्यों में से एक इसे भी अपनाएं।


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