PATNA : तीन दिन पहले राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं विधायक संगीता कुमारी ने राजद नेतृत्व को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी में एक विधायक होने के बावजूद कोई मान सम्मान नहीं दिया जाता है। दलित कोटे से आने के कारण पार्टी में मेरी बातों को भी नहीं सुना जाता था। ऐसे में वहां रहना भी मुश्किल था।
संगीता कुमारी ने बताया कि वह लोग दलित को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन मैं पढ़ी लिखी हूं, जहां मुझे सम्मान नहीं मिलेगा, वहां रहना मुश्किल था।
एक पंचायत अध्यक्ष रखने की भी छूट नहीं
संगीता कुमारी यहीं पर नहीं रूकी, उन्होंने कहा कि एक विधायक होने के बावजूद मुझे यह अधिकार नहीं था कि मैं एक पंचायत अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकूं। यहां मुझे यह महसूस हो रहा था कि अपनी बात रखने के लिए पंचायत अध्यक्ष का पैर पकड़ना पड़ेगा। पार्टी की बैठक में भी मेरी बातों को नहीं सुना जा रहा था
राजद से संबंधों पर बोलीं
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अब भी राजद में शामिल हैं, जिस पर उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया।
बता दें कि संगीता कुमारी कैमूर जिले के मोहनिया से राजद के टिकट पर पहली बार विधायक बनी थी। दो दिन पहले उन्होंने कांग्रेस के दो विधायकों के साथ भाजपा में जाने का फैसला लिया था