KAIMUR : कोरोना संक्रमण से रोकथाम के लिए केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था और अब अनलॉक की प्रक्रिया चलाई जा रही है. इसके मद्देनजर निजी विद्यालय लॉकडाउन अवधि से लेकर अब तक बंद ही चल रहे हैं. निजी विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक और कर्मचारियों के सामने परिवार का जीविका चलाने की संकट आ खड़ा हुआ है. इसको देखते हुए प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता कर सरकार से उन्हें भी सहायता राशि देने का गुहार लगाया है.
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विजय तिवारी ने बताया लॉकडाउन के समय से ही विद्यालय बंद चल रहा है. विद्यालय के शिक्षक और गैर शैक्षणिक कार्य में लगे कर्मियों के पास खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है.
ऐसी स्थिति में हम सभी को भूखमरी से बचाने के लिए सरकार आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराएं. नहीं तो ऐसी परिस्थिति में अगर हम लोगों के विद्यालय परिवार के किसी भी सदस्य के साथ कोई अनहोनी होता है तो उसके जिम्मेदार भारत सरकार होगी. इससे संबंधित पत्र भी हम लोग भारत सरकार को प्राइवेट स्कूल की तरफ से भेज रहे हैं.
बताते चलें की लॉक डाउन की वजह से मार्च महीने से देश भर में स्कूल और कॉलेज बंद हैं. स्कूलों में पठन-पाठन बंद कर दिए गए हैं. कई स्कूलों में कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है. जिससे उनके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है.
कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट