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शिवहर लोकसभा : एक नौकरशाह की पत्नी, एक नौकरशाह आईएएस की हत्या के दोषी की पत्नी, एक को लेना है पिता की हार का बदला, जातीय समीकरण बदलेगा गणित

शिवहर लोकसभा : एक नौकरशाह की पत्नी, एक नौकरशाह आईएएस की हत्या के दोषी की पत्नी, एक को लेना है पिता की हार का बदला, जातीय समीकरण बदलेगा गणित

पटना. लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शिवहर में 25 मई को चुनाव होंगे. यहाँ राजद ने रितु जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है जिनके पति अरुण कुमार एक नौकरशाह हैं. दूसरी ओर जदयू से लवली आनंद उम्मीदवार हैं जिनके पति आनंद मोहन को आईएस जी. कृष्णैया की हत्या मामले में दोषी करार दिया गया था और 16 साल से ज्यादा जेल में रहकर आए हैं. शिवहर में चुनाव के पहले आम लोगों की जुबान पर यह भी एक राजनीतिक गप्प है जिसमें ‘आईएएस’ केंद्र में बने हुए हैं. वैश्य जाति से आने वाली रितु जायसवाल की टक्कर राजपूत जाति की लवली आनंद से है जो पहले भी सांसद रह चुकी हैं. इन सबके बीच ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी राजपूत जाति के राणा रंजित सिंह को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. 

वैश्य का वोट सबसे अहम : संयोग से शिवहर से पिछले तीन चुनावों में सांसद रही रमा देवी भी वैश्य समुदाय से थी. इस बार एनडीए में यह सीट जदयू को गई जो लवली आनंद उम्मीदवार बन गई. ऐसे में राजद समर्थकों की ओर से मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए एक मुद्दा यह भी बनाया गया है कि शिवहर की सांसद ‘वैश्य’ ही हो. इस बार एनडीए से वैश्य को टिकट नहीं मिलने से वैश्य समुदाय के लोगों में एनडीए के प्रति थोड़ी नाराजगी दिख रही है. इसे भुनाने की कोशिश में राजद जोरशोर से लगी. इसका एक बड़ा कारण शिवहर में जातीय समीकरणों में वैश्य मतदाताओं की प्रभावशाली उपस्थिति है. 

आनंद मोहन का रहा गढ़ : हालाँकि आनंद मोहन के लिए शिवहर कोई नई जगह नहीं है. नब्बे के दशक में शिवहर में बाहुबली आनंद मोहन का जलवा रहा. 1993 में बिहार पीपुल्स पार्टी के नाम से राजनीतिक दल बनाया. लोकसभा चुनाव 1996 में उन्होंने समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते. लोकसभा चुनाव 1998 में आनंद मोहन ने ऑल इंडिया राष्ट्रीय जनता पार्टी के टिकट विजयी होने में सफल रहे. इतना ही नहीं आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद भी शिवहर से विधायक हैं. ऐसे में आनंद मोहन परिवार की यहां गहरी पैठ मानी जाती है. ऐसे में लवली आनंद यहां बड़ी जीत का दावा कर रही है.

राणा रंजीत ने बढ़ाई मुश्किलें : हालाँकि लवली आनंद और रितु जायसवाल दोनों की राह में बड़ी बाधा AIMIM के राणा रंजीत सिंह हैं. ओवैसी की पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे राणा रंजीत सिंह का राजपूत जाति से होना लवली आनंद को बड़ा झटका दे सकता है. वहीं ओवैसी की पहचान एक मुखर मुस्लिम नेता के रूप में है. ओवैसी के दल से उम्मीदवार होने के कारण राणा रंजीत को मुस्लिम वर्ग से भी वोट मिलने की उम्मीद है. यह रितु जायसवाल के लिए बड़ा झटका हो सकता है. हालाँकि राणा रंजीत के भाई राणा रणधीर सिंह मधुबन सीट से बीजेपी के विधायक हैं. राणा रणधीर सिंह इन दिनों लवली आनंद का प्रचार कर रहे हैं. संयोग से लवली के पति आनंद मोहन ने राणा रंजीत के पिता सीताराम सिंह को लोकसभा चुनाव हराया था. अब राणा रंजीत यह भी कह रहे हैं कि वह पिता की हार का बदला लेने के लिए मैदान में हैं.  

शिवहर में कुल 1686215 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाता 896691 और महिला मतदाताओं की संख्या 789456 है. जातीय समीकरण में शिवहर लोकसभा में सबसे अधिक वैश्य मतदाता हैं, जो 25 फीसद के करीब हैं यानी वैश्य की अलग अलग उप जातियों के करीब 4 लाख वोटर हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं, जो करीब दो लाख से ज्यादा हैं. राजपूत वोटर 2 लाख के करीब हैं. वहीं करीब 6 लाख मतदाता  अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग से आते हैं. पिछले चुनावों में भाजपा को मिली बड़ी जीत के पीछे वैश्य और सवर्ण सहित अन्य वर्गों के मतदाताओं की गोलबंदी रही. इस बार एनडीए और राजद के उम्मीदवार बदल जाने से वह गोलबंदी भी बदले रूप में है. 


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