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..तो 'मांझी' भी छोड़ेंगे 'नीतीश' का साथ ? खुले मंच से मुख्यमंत्री ने दिया प्रलोभन, कहा- हम ही लोग आगे बढ़वा देंगे

..तो 'मांझी' भी छोड़ेंगे 'नीतीश' का साथ ?  खुले मंच से मुख्यमंत्री ने दिया प्रलोभन, कहा- हम ही लोग आगे बढ़वा देंगे

PATNA: महागठबंधन ने लोकसभा चुनाव का बिगूल फूंक दिय़ा है। पूर्णिया में महागठबंधन की तरफ से महारैली आयोजित की गई। रैली में सभी सात दलों के नेता शामिल हुए। रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। मंच से संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी शंका को सार्वजनिक किया. साथ ही खुले मंच से पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को अपरोक्ष तौर पर प्रलोभन देकर साथ रोकने की कोशिश की. दरअसल, जीतन राम मांझी हाल में यह कह चुके हैं कि हमारा बेटा अन्य से काफी ज्य़ादा पढ़ा लिखा है. नीतीश कुमार का नाम लिए बिना पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिनको युवराज बनाने की बात करते हैंं, उनको बैठा कर मेरा बेटा पढ़ा सकता है. मांझी के इस बयान से नीतीश कुमार सकते में हैं. 

मांझी जी पर लगा हुआ है-नीतीश 

उपेन्द्र कुशवाहा का साथ छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री थोड़े असहज हैं. उन्हें लग रहा कि आने वाले दिनों में अन्य नेता भी साथ छोड़ सकते हैं. लिहाजा मंच से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चिंता सार्वजनिक कर दी. उन्होंने कहा कि अब मांझी जी पर लगा हुआ है. काहे जायेंगे, हम ही लोग आगे बढ़वा देंगे. इस तरह से नीतीश कुमार ने अपरोक्ष तौर पर प्रलोभन दिया और कहा कि आपको महागठबंधन छोड़कर जाने की जरूरत नहीं. 

अमित शाह पर नीतीश का हमला

पूर्णिया की जनसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला बोला. कहा कि देश में दो नेता हैं. एक प्रधानमंत्री हैं और एक गृह मंत्री.आज फिर गृह मंत्री आकर भाषण दे रहे थे. बताइए जरा इनको कितना अनुभव है. देश की आजादी के बारे में क्या जानते हैं ? आप अपनी पार्टी के नेताओं को भी नहीं जानते हैं.  जिन लोगों ने काम किया उनको भूल गे। हम उनके (अटल-आडवाणी) साथ थे. उन्होंने जितना काम किया उसकी चर्चा नहीं करते हैं. यह लोग कोई काम नहीं करते हैं, सिर्फ कब्जा किए रहते हैं. मीडिया पर कब्जा कर लिया गया है. हम लोगों का एक-आध बार छप जाता है, बाकी सब उन्हीं का छपते रहता है. देश हित में कोई काम नहीं कर रहे हैं. लेकिन यहां आकर कुछ न कुछ बोलते हैं. यहां आकर क्या बोल दिए ? बिहार के विकास का उन्होंने कोई काम किया है ? 2015 विस चुनाव से पहले इन लोगों ने जो घोषणा किया था उसका क्या हुआ ? तब कहा था कि बिहार की मदद करेंगे. मदद करने का ऐलान किया था, आज तक नहीं हुआ मदद.कोई मदद नहीं कर रहे हैं. केंद्र की जो योजना है वही मदद के रूप में दिखा रहे हैं. ये लोग 125000 करोड़ों रुपए की मदद का ऐलान किया था. 8 साल में मात्र 59 हजार करोड़ रुपया मिला है. ये लोग खाली बोलते रहते हैं.  अमित शाह इसके पहले पूर्णिया आए थे. तब कहा था कि एयरपोर्ट बना दिए. लेकिन यहां नहीं बना.  हम लोगों ने सारी बातों को बताया, जितना जमीन देने के लिए कहा सब देने के लिए तैयार हैं. लेकिन शुरू क्यों नहीं कर रहे हैं. यहां आकर तो कह दिए थे कि सब चालू हो गया, क्या चालू हो गया है ? यहां एयरपोर्ट तो चालू ही नहीं हुआ .कितना गलत बात है, सिर्फ बोलना है करना कुछ नहीं है. 

नौकरी मांगना गलत है  

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षक अभ्यर्थिय़ों पर भड़क गए। भाषण के दौरान बेरोजगार नौकरी मांग को लेकर आवाज उठा रहे थे। इसी दौरान नीतीश कुमार की नजर उन पर पड़ी. बस क्या था....अपने पीएस से पूछा...कौन है ये सब ? जब उन्हें बताया गया कि ये लोग शिक्षक अभ्यर्थी हैं. बस क्या था... मुख्य़मंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आप शिक्षक हो...यह वाला बात मत बोलो यहां पर. काहे के लिए आए हो यहां पर ? आपको मालूम है कितने शिक्षकों की बहाली हुई और कितने की बहाली करने वाले हैं .कौन आप लोगों को गलत चीज बता रहा है? बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली होगी, चिंता मत करो. आज जिसको जितना हम वेतन दे रहे हैं उससे भी ज्यादा बढ़ाने वाले हैं. इसलिए चिंता मत करो. हम बात कर रहे हैं सुनोगे नहीं . कुछ लोग समझा देता है कि बोलते रहो तो बोलते हो. यह गलत बात है पता ही नहीं है तुम लोगों को, इसलिए यह शब्द मत बोलो.

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