PATNA : "विधायक लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं। जनप्रतिनिधि होने के कारण उन्हें जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए कदम उठाना पड़ता है। प्रश्न पूछना उनका महत्वपूर्ण विधायी अधिकार है। ऐसे में कार्यपालिका में बैठे पदाधिकारी हर हाल में सदस्यों द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों का शत-प्रतिशत उत्तर चलते सत्र में प्राथमिकता से उपलब्ध कराने में सरकार को सहयोग करें। 17वीं बिहार विधान सभा में सदस्यों के द्वारा पूछे गये कतिपय प्रश्नों के उत्तर सभा सचिवालय को अबतक नहीं उपलब्ध कराने वाले विभिन्न विभागों के दोषी पदाधिकारियों को चिन्हित कर सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर इससे उन्हें भी अवगत कराये। प्रश्नों के उत्तर को अबतक नहीं भेजा जाना घोर लापरवाही और बिहार की जनता के प्रति गैर जवाबदेही मानी जायेगी। इसे किसी भी प्रकार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लोकसेवकों को विधायिका की गरिमा तथा मर्यादा को बढ़ाने और उनके मान-सम्मान के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के निर्देशों का पालन नहीं करना अनुशासनहीनता मानी जायेगी।
"यह बातें बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने 24 जून, 2022 से शुरू हो रहे बिहार विधान मंडल के सत्र के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, चिकित्सा, सफाई, पार्किंग सहित अन्य सभी व्यवस्था सुचारू रूप से करने के उद्येश्य से बिहार विधान सभा में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कही। यह बैठक विधान सभा के प्रथम तल पर अवस्थित सभागार में आयोजित हुई। इस बैठक के दौरान सिन्हा ने उपस्थित मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को सभी व्यवस्थायें चाक-चौबंद कर लेने का निर्देश भी दिया।
विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बैठक में कहा कि विधानमंडल परिसर सुरक्षा के दृष्टिकोण से अतिसंवेदनशील स्थल है। इसकी सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतने का निदेश मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को दिया तथा इसके लिए स्वीकृत सुरक्षा बल को पूर्णरूपेण प्रतिनियुक्त करने का निदेश भी उन्हें दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूर्ण नशाबंदी की पक्षधर है। ऐसे में चलते सत्र के दौरान प्रशासन विधानमंडल परिसर में प्रतिनियुक्त सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य कर्मियों तथा पदाधिकारियों की प्रतिदिन रैंडम जॉच करे तथा इसकी जाँच रिपोर्ट से सभा सचिव को अवगत कराये।