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SSP-थानेदार का माफियाओं से सांठगांठ! पूर्व SSP की जमानत याचिका खारिज होने के बाद जांच तेज,PHQ के डीएसपी को बनाया गया है IO, मद्ध निषेध SP कर रहे पर्यवेक्षण

SSP-थानेदार का माफियाओं से सांठगांठ! पूर्व SSP की जमानत याचिका खारिज होने के बाद जांच तेज,PHQ के डीएसपी को बनाया गया है IO, मद्ध निषेध SP कर रहे पर्यवेक्षण

पटना. गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है। निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद जांच की गाड़ी बढ़ चली है। मुख्यमंत्री के तल्ख तेवर के बाद पुलिस मुख्यालय इस केस को मॉनिटर कर रहा है। गया के पूर्व वरीय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार पर दर्ज केस का जांच अधिकारी (आईओ) पुलिस मुख्यालय मद्ध निषेध प्रभाग के डीएसपी को बनाया गया है। 

एसएसपी-थानेदार केस की हो रही जांच 

शराब मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में गया के पू्र्व एसएसपी आदित्य कुमार सहित फतेहपुर के पूर्व थानाध्यक्ष संजय कुमार के विरुद्ध गया के फतेहपुर थाना में ही एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जाता है कि शराब केस में किसी को बचाने में एसएसपी या आईपीएस अधिकारी पर केस दर्ज करने का यह पहला मामला है। बता दें, गया आईजी ने पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री के पास यह मामला पहुंचा। सीएम नीतीश के तल्ख तेवर के बाद गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार और उनके खास थानेदार संजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ। गया के डीएसपी मुख्यालय अंजनी कुमार सिंह की तरफ से 29 मई को फतेहपुर थाने में जहां के थानेदार को बचाने का आरोप वरीय पुलिस अधीक्षक पर था, उसी थाने में केस दर्ज हुआ। 

मद्ध निषेध प्रभाग के डीएसपी और एसपी के कंधे पर जांच और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी 

केस दर्ज होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने मद्ध निषेध डीएसपी को जांच अधिकारी(आईओ) बनाया है। जानकारी के अनुसार जांच अधिकारी के द्वारा साक्ष्य इकट्ठा किया जा रहा है। जांच टीम गया जायेगी और वहां जाकर अनुसंधान करेगी। साथ ही गया के अधिकारियों के अलावे आरोपी पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार और तत्कालीन थानेदार संजय कुमार से भी पूछताछ करेगी। बताया जाता है कि शुरूआती जांच में ही शराब माफियाओं से मिलीभगत के कई सबूत मिल चुके हैं। आईओ के ऊपर मद्ध निषेध प्रभाग के एसपी इस केस का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जायेगी।

शराब माफियाओं से थी सांठगांठ

जानकारी के मुताबिक तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार व फतेहपुर के थानेदार संजय कुमार में काफी नजदीकी थी। इसका फायदा थानेदार संजय कुमार उठाता था। फतेहपुर थाने से शराब कारोबारियों को छोड़ने के कई मामले सामने आए थे। गया आईजी ने इस मामले में एसएसपी को जांच करने को कहा था। लेकिन उन्होंने जांंच नहीं की। इसके बाद आईजी अमित लोढ़ा ने एएसपी से जांच कराई तो मामला सही पाया गया। इसके बाद आरोपी थानेदार पर कार्रवाई करने को कहा गया। लेकिन तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार ने फतेहपुर के आरोपी थानेदार संजय कुमार पर कार्रवाई करने के बजाय चेतावनी की मामूली सजा देकर छोड़ दिया। इतना ही नहीं उस थानेदार को जीटी रोड के बाराचट्टी थाने की कमान सौंप दिया। मामला जब तूल पकड़ा तो अवर निरीक्षक संजय कुमार को गया जिला बल से औरंगाबाद जिला बल स्थानांतरित कर दिया गया। आईजी अमित लोढ़ा के आदेश पर औरंगाबाद एसपी कांतेश मिश्रा ने संजय कुमार को निलंबित कर पुलिस लाइन क्लोज कर दिया था। 

फतेहपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 8 मार्च 2021 को एक बैग से 5 पैकेट अवैध अंग्रेजी शराब की बोतल बरामद हुई थी, लेकिन इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। 26 मार्च 2021 को एक कार से 170 लीटर महुआ शराब की बरामदगी के बाद भी तत्कालीन फतेहपुर थानाध्यक्ष संजय कुमार के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी तथा तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के द्वारा भी प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास नहीं किया गया था। इसी आरोप में दोनों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। निचली अदालत ने गया के पूर्व एसएसपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। 


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