बिहार बसपा के प्रदेश प्रभारी ने नीतीश सरकार को दी चेतावनी, कहा- दलितों पर हो रहे अत्याचार को बंद करें नहीं तो...

MUZAFFARPUR: बिहार किस संविधान से चल रहा है, कौन सा संविधान बिहार के अंदर है। साहेबगंज के परसौनी गांव में दलित जाति के शिवनाथ राम की हत्या हो जाती है। उनकी हत्या इसलिए कर दी जाती है वो दलित जाति का है। आजादी के 75 साल बाद जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, एक दलित को बिहार में चापाकल से पानी पीने का अधिकार नही मिला है और इसी वजह से उसकी हत्या कर दी जाती है। उक्त बातें जिला अतिथि गृह में संवादाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने कही। उन्होंने कहा उसको मारने पीटने के बाद मनुवादी और सामंतवादी विचारधारा के कुछ दबंगों के द्वारा उसके शरीर पर पेशाब कर दिया जाता है। और, यहां की सरकार और यहां की प्रशासन बिल्कुल सोई हुई है। कहीं भी उसको देख नही रही है, उसकी गिरफ्तारी नही हो रही है सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है उसके बाद कोई गिरफ्तारी नही हुई है। आखिर क्या है मामला? क्यों नही बिहार की सरकार इसको देख रही है।
अनिल कुमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में दलित व्यक्ति पर पेशाब करने की घटना प्रकाश में आया था। मगर यहां तो उससे भी बढ़कर घृणित कार्य हुआ है उससे भी अमानवीय व्यवहार हुआ है। पानी पीने के लिए उस दलित की हत्या कर दी जाती है, सिर्फ वो इंसान दलित है, अछूत है। और वो उस चपाकल से पानी पी लिया था। और प्रशासन, सरकार पूरी की पूरी तरह से उस सामंतवादी विचार धारा, उन मनुवादियों के आगे नतमस्तक है। ऐसे कैसे सरकार चलेगी? यह स्पष्ट करना होगा। नीतीश कुमार अपनी कुर्सी संभालने में लगे रहेंगे, चाचा भतीजा अपनी कुर्सी संभालने में रहेंगे, बीजेपी अपनी कुर्सी हथियाने में लगी रहेगी या बाबा साहेब के संविधान से दलितों को जीने का अधिकार है या नहीं या बताना पड़ेगा। मुजफ्फरपुर में आकर बीएसपी के प्रदेश प्रभारी होने के नाते स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं की जिला प्रशासन और बिहार की सरकार दलितों पर जो अत्याचार कर रही है वो बंद करे।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को आज भी धमकी मिल रही की केस वापस लो नही तो तुमलोगों को हम रास्ता से होकर नही चलने देंगे। खेतों में काम नही करने देंगे। और सरकार, प्रशासन और स्थानीय पुलिस बिल्कुल मनुवादी व्यवस्था के साथ खड़ी है, दलितों को न्याय दिलाने के लिए नही खड़ी है। उन्होंने कहा की मीडिया के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन और बिहार की सरकार को यह कहना चाहती है कि इस मामले को संज्ञान में ले और उसकी जल्दी गिरफ्तारी सुनिश्चित करे। पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले और स्थानीय जो दबंग किस्म के लोग है जो पीड़ित परिवार को डरा रहे है, धमका रहे है उसे डराना, धमकाना बंद करे। और उस परिवार को सुरक्षा का माहौल दें। अगर घटना में शामिल लोगों की एक हफ्ते के अंदर गिरफ्तारी नही होती है तो बहुजन समाज पार्टी 20 तारीख को मुजफ्फरपुर समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन करने का काम करेगी। और नीतीश सरकार के इशारे पर सोई हुई यहां के प्रशासन को उसे बाबा साहब के संविधान के तहत उसे जगाने का काम करेगी।
अनिल कुमार ने कहा हम यहां दलितों के मुद्दे पर जमीन तलाशने नही आए है। अगर दलितों की हत्या हो रही है तो हम उन्हें बचाने आए हैं, उन्हे न्याय दिलाने आए हैं। दलितों को डराने और धमकाने का काम जो चाचा भतीजा की सरकार कर रही उसको हमलोग रोकने आए है। बहुजन समाज पार्टी दलितों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा की बहुजन समाज पार्टी दलित, शोषित और पिछड़े लोगों के हक और भूख की लड़ाई बहन मायावती के नेतृत्व में लड़ रही है और लड़ती रहेगी जब तक हमें न्याय नही मिल जाता। संवादाता सम्मलेन में प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो, प्रदेश महासचिव संजय मंडल, जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, जिला प्रभारी अहद अली भी मौजूद थे।