पटना : सीतामढी से जदयू कैंडिडेट डा. वरूण कुमार नें चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया और मिला सिंबल वापस कर दिया है. हालांकि जदयू उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल करनें के पहले ही मैदान छोड़ दिया। लिहाजा पार्टी नें अब दूसरे प्रत्याशी सुनील कुमार पिंटू को मैदान में उतारा है.
आज की तस्वीर से 2014 के वो दिन याद आ गए हैं जब जदयू के किशनगंज के उम्मीदवार अख्तरूल इमना ने चुनाव लड़नें से इंकार कर दिया था। इमान तो किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से नामांकन भी दाखिल कर दिए थे. पर वे अचानक चुनाव प्रचार के दौरान ही मैदान छोड़कर भाग गए थे। उन्होंने सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए मैदान से हटने का फैसला किया था।जब उन्होनें यह एलान किया था तब किशनगंज में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी थी।
जदयू यहां से दूसरा प्रत्याशी खड़ा भी नहीं कर सकता था।लिहाजा जदयू किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के रण से बाहर हो गया था।इस तरह से जदयू 2014 के लोकसभा चुनाव में एक सीट बिना लड़े ही गंवा बैठी थी। कोचाधामन से विधायक रहे ईमान राजद से नाता तोड़कर जदयू में शामिल हुए थे। इसके बाद पार्टी नें उन्हें किशोनगंज से उम्मीदवार बनाया था।
किशनगंज में अबतक जदयू के टिकट पर कई नेताओं ने चुनाव लड़ने से किया है इंकार
2019 के लोकसभा चुनाव में अबतक सिर्फ सीतामढ़ी के जदयू प्रत्याशी नें चुनाव लड़नें से इंकार किया है ।लेकिन 2014 में तो कई नेताओं नें जदयू के सिंबल पर चुनाव लड़नें से मना कर दिया था।नीतीश कुमार नें 2014 के लोकसभा चुनाव में साबिर अली को शिवहर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़नें को कहा था।पार्टी नें साबिर अली को सिंबल भी दे दिया था। लेकिन उन्होनें भी चुनाव लड़नें से इंकार किया था।चुनाव लड़नें से इंकार करने के बाद नीतीश कुमार नें तत्कालीन मंत्री शाहिद अली खान को मैदान में उतारा था।
इन्होंने भी दिया था झटका
इसके पहले भी कई नेताओं नें जदयू के सिंबल पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़नें से इंकार किया था।शिवानंद तिवारी ने बक्सर, एनके सिंह ने बांका, मोनाजिर ने भागलपुर से लडऩे का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। हालांकि डा. वरूण के सिंबल लौटाने पर मंत्री ललन सिंह ने कहा है कि यह उनका निजी फैसला है। 2014 में जदयू के जिस उम्मीदवार नें किशनगंज से चुनाव लड़नें से इंकार किया था उसका कारण दूसरा था।