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पटना के मेडिब्लेस्स हॉस्पिटल में बच्चे की साँस और खाने की नली का हुआ सफल ऑपरेशन, परिजनों और डॉक्टर्स में दौड़ी ख़ुशी की लहर

पटना के मेडिब्लेस्स हॉस्पिटल में बच्चे की साँस और खाने की नली का हुआ सफल ऑपरेशन, परिजनों और डॉक्टर्स में दौड़ी ख़ुशी की लहर

PATNA : पिछले दिनों बेबी गुप्ता जो कि शिवम् हॉस्पीटल एवं रिसर्च इन्टीच्यूट में डॉ० सारिका रॉय के इलाज में एक बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्चा कराह रहा था। यहीं जन्म के समय प्रत्येक बच्चे कर निरीक्षण जन्म के समय उपलब्ध बच्चे के डॉक्टर के द्वारा किया जाता है। दिनचर्या के अनुसार इस बच्चे का भी जांच जाने माने बच्चे के डॉक्टर डॉ० संजीव कुमार सुमन ने किया। जाँच के दौरान भी बच्चा काफी बेचैन और कराह रहा था। इस पर डॉकटर सुमन को संदेह हुआ और उन्होंने बच्चे को मेडीब्लेस्स हॉस्पीटल में भर्ती करने को कहा। 

जाँच में पता चला की बच्चे की खाने की नली और सांस की नली दबी हुई है। फिर यह बात डॉ संजीव कुमार सुमन को बताई न्यई तो उनके निर्देश पर बच्चे के सर्जन डॉ अशोका बन्द ठाकुर से सम्पर्क किया गया। डॉ० अशोकामन्द ठाकुर ने बच्चे का जांच किया और बताया कि बच्चे की श्वास और खाने की नली एक ही है जिसे चिकित्सा की भाषा में Tracheo-oesophageal fistula (TEF) कहते है। यह एक दुर्लभ बीमारी है और जिसके ईलाज का एकमात्र विकल्प ऑपरेशन है। 

इस प्रकार के ऑपरेशन में काफी खतरा रहता है और सफलता की दर भी काफी कम होती है। ऑपरेशन के बाद भी बचने की सम्भावना काफी कम होती है। बच्चे को भेन्टिलेटर पर रखा गया। फिर भी सभी चिकित्सकों डॉ० सारिका रॉय (स्त्री एवं प्रश्व विशेषज्ञ), डॉ० संजीव कुमार सुमन (बच्चे के डॉक्टर), डॉ० अशोकानन्द ठाकुर (बच्चे के सर्जन), डॉ० उपेन्द्र कुमार (बेहोशी के डॉक्टर) एवं अन्य अनुभवी सहयोगियों तथा कर्मचारियों को साथ लेकर सफलतापूर्वक ऑपरेशन सम्पन्न किया गया। ऑपरेशन के प्रकिया भेन्टिलेटर पर ही हुई। 

ऑपरेशन के बाद वच्चे को मेडिब्लेस्स के NICU में 7 दिन तक भेन्टिलेटर पर डॉ० संजीव कुमार सुमन के ईलाज में रखा गया और धीरे धीरे स्वस्थ हुआ। फिर 19 दिनों तक NICU में रहने के बाद बच्चे को पूर्ण स्वस्थ स्थिति में छु‌ट्टी दिया गया। आज दिनांक 16/09/2024 को बच्चा दुबारा जाँच के लिए मेडिब्लेस्स हॉस्पीटल में पुनः जाँच के लिए आया। बच्चे की जांच करने पर पता चला कि वह पूर्णतः स्वस्थ है । यह जान कर सभी चिकित्सक एवं कर्मचारियों की बीच एक खुशी की लहर दौड़ गई। सभी इस सफलता पर एक दूसरे को बधाई दे रहे थे एवं एक मुश्किल काम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर काफी उत्साहित थे।

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