स्वामी सहजानंद सरस्वती को मिले भारत रत्न, भारतीय इतिहास का अकेला साधु जो मुक्ति संग्राम का सबसे बड़ा प्रणेता हुआ और किसानों का नेता भी...दिग्गज नेताओं ने भरी हुंकार..

स्वामी सहजानंद सरस्वती को मिले भारत रत्न, भारतीय इतिहास का अ

PATNA : राजधानी के जगजीवन राम शोध संस्थान में समग्र तिलक समाज के द्वारा महान किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की 74 वीँ पुण्यतिथि पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।  संगोष्ठी को प्रशांत कुमार शाही( महाधिवक्ता बिहार ), संजय पासवन (पूर्व मंत्री भारत सरकार ), अरुण कुमार (पूर्व सांसद ) सुप्रसिद्ध लेखक राघव शरण शर्मा ने संगोष्ठी में भाग लिया। 

महाधिवक्ता प्रशांत कुमार शाही ने स्वामी सहजानंद सरस्वती की 74 वीँ पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश एक विषम परिस्थिति में पहुँच गया है।  देश में जाति और धर्म आधारित राजनीति का बोलबाला है। आजादी के समय भारत में सामाजिक  आंदोलन का बोलबाला था।  स्वामी सहजानंद सरस्वती ने सभी दबे कुचले वर्ग के लिए काम किया है। स्वामी जी सामाजिक  आंदोलन के अगुआ थे।  अभी राजनीति  में हिस्सेदारी का दौर है।  अब एकला चलो का समय नहीं है।  हमें सबको साथ लेकर चलना होगा। 

पूर्व सांसद अरुण कुमार ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि  स्वामी सहजानंद सरस्वती महामानव थे।  भूमिहार शस्त्र और शास्त्र के अधिकारी हैं।  इसके लिए स्वामी जी ने लड़ाई लड़ी।  स्वामी जी सुभाष चंद्र बोस के सबसे मजबूत सहयोगी थे। आजादी की लड़ाई को स्वामी सहजानंद सरस्वती ने गांव गांव तक पहुँचाया। इसलिए स्वामी सहजानंद सरस्वती कहा करते थे जो अन्न, वस्त्र उपजायेगा सो क़ानून बनाएगा, भारत वर्ष उसी का है। शासन वही चलाएगा।  हम लोगों के प्रयास से संसद में इनकी तैल चित्र लगाया गया।  स्वामी जी पर सबसे ज्यादा काम अमेरिकी रिसर्चर वालटर हाउजर ने किया। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने स्वामी सहजानंद सरस्वती को दलितों को सन्यासी कहा है। 

स्वामी सहजानंद सरस्वती पर कई पुस्तकों के लेखक राघव शरण शर्मा ने पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती आजीवन किसानों के लिए काम करते रहे। स्वामी सहजानंद किसान नेता के साथ साथ राष्ट्रीय नेता थे।  समस्त भारतीय इतिहास का एकमात्र साधु स्वामी सहजानंद थे जो किसानों के बीच काम किये। स्वामी जी सिर्फ किसान नेता नहीं मुक्ति संग्राम के प्रणेता थे। समग्र तिलक परिषद के अध्यक्ष चन्द्रभूषण राय ने बताया कि  बाल गंगाधर तिलक और स्वामी सहजानंद सरस्वती के विचार मिलते जुलते थे। इस लिए मैंने समग्र तिलक परिषद बनाया है।  यह संगठन किसानों और मजदूरों के लिए कार्य करेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान ने  सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समाज में भूमिहारों को अपने राजनीतिक  ताकत का मूल्यांकन करना होगा।  इस चुनाव ने धार्मिक ध्रुवीकरण  को नकारा है।  नया तरह  का जातीय गोलबंदी को जन्म दिया है। अगर इस बार नीतीश कुमार भाजपा के साथ नहीं होते तो भाजपा शून्य पर आउट हो जाती। अजय अलमस्त ने कहा कि स्वामी सहजानंद को भारत रत्न दिया जाये। डॉ दीपक सिंह ने कहा कि हमने बाल गंगाधर तिलक के विचारों को देखते हुए हम सबने समग्र तिलक परिषद बनाया है। मौके पर चंद्र भूषण राय( अध्यक्ष समग्र तिलक परिषद ), डॉ दीपक कुमार सिंह ( उपाध्यक्ष समग्र तिलक परिषद ), संजय कुमार (सचिव) आलोक कुमार (कोषाध्यक्ष), राज कुमार सिंह (संयोजक) नंद शर्मा, महेश शर्मा, मिथिलेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, इरफ़ान ,डॉ अर्चना, सत्येंद्र संगीतने संगोष्ठी को सम्बोधित किया।