PATNA : पटना के ग्रामीण इलाकों में इस वर्ष दुर्गा पूजा के अवसर पर बाजी मार कर ले गई "गुड़ की जलेबी "। रसमलाई, कलाकंद, मिल्क केक, काजू बर्फी जैसे स्वादिष्ट मिठाइयों के बीच "गुड़ की जलेबी" ने अपना जलवा इस कदर बिखेरा की लोग गरम-गरम और वर्ष में एक बार मिलने वाली गुण की जलेबियां को मिनटों में चट कर गए।
लॉकडाउन के बाद इस वक्त नवरात्रा पूजा के आयोजन पर इस कदर भीड़ उमड़ी की ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोग रात भर पूजा पंडालों में घूमते नजर आए। एक तरफ बड़ी-बड़ी मिठाई के दुकानों में सजी मिठाइयों के बीच सड़क किनारे बिक रही " गुड़ की जलेबी " ने अपना जलवा एक बार फिर से बिखेरा है। मिठाई की दुकानों में काउंटरों में सजी एक से एक खूबसूरत मिठाइयां जो स्टील के प्लेट और चम्मच में दिए जा रहे थे, वही सड़क के किनारे गुड़ की जलेबियां यूज एंड थ्रो वाले पत्रों में खाने की व्यवस्था की गई थी। मिठाई की दुकानों में स्टील के गिलास से पानी पीने की व्यवस्था थी वही" गुड़ की जलेबी" के दुकानों पर चुल्लू से पानी पीने की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद भी काउंटरों में लगी मिठाई धरी की धरी रह गई। वही गुड़ की गरम गरम जलेबी या पलक झपकते ही लोग चट कर जाते। स्थिति यह थी कि "गुड़ की जलेबी" के इंतजार में लोग घंटों लाइन लगाकर खड़े "गुड़ की जलेबी" निकलने का इंतजार करते रहे।
आपको बताते चलें कि वर्ष में मात्र नवरात्र पूजा के अवसर पर ही साल में एक बार "गुड़ की जलेबी" का इंतजार लोगों को महीनों रहता है। दूरदराज ग्रामीण इलाकों के साथ साथ शहरवासी भी "गुड़ के जिलेबी" का इंतजार नवरात्र के अवसर पर करते हैं। देवी दर्शन को पहुंची गांव की सुनीता देवी ने बताया कि मिठाइयां तो हर रोज खाने को मिल जाता है लेकिन गरम गरम " गुड़ की जलेबी " का मजा दुर्गा पूजा के अवसर पर ही प्राप्त हो पाता है। माधुरी देवी का मानना है कि "गुड़ की जलेबी" में जो सौंधा सौंधा गुड़ का स्वाद प्राप्त होता है वह अन्य मिठाइयों में कहां। यह कहा जा सकता है कि खूबसूरत और स्वादिष्ट मिठाइयों के बीच "गुड़ की जलेबी" ने इस बार अपना जलवा दिखाया है और बाजी मार ले गई "गुड़ की जलेबी"।
पटना से सुमित की रिपोर्ट