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तानाशाह SP की हरकत से जल उठा मुंगेर... पहले भी लग चुका है इन पर आरोप... डीएम एसपी चुनाव आयोग ने हटाया

 तानाशाह  SP की हरकत से जल उठा मुंगेर... पहले भी लग चुका है इन पर आरोप... डीएम एसपी चुनाव आयोग ने हटाया

पटना /मुंगेर : बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहा है ऐसे में किसी शहर का जल उठना सरकार की नाकामी का प्रमाण देता है। कुछ इसी तरह का नजारा मुंगेर में देखने को मिल रहा है जहां मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसक झड़प और फायरिंग मामले में मौत को लेकर अब गीर की जनता आक्रोशित हो चुकी है। आक्रोशित लोगों ने आज मुंगेर एसपी लिपि सिंह के दफ्तर में आग लगा दिया तो दूसरी तरफ फोन पर पथराव भी किया कई गाड़ियों की तोड़फोड़ भी की गई। आक्रोशित लोग मुंगेर एसपी को हटाने की मांग कर रहे थे जिसके बाद चुनाव आयोग ने मुंगेर डीएम एसपी को हटाया दिया है | लेकिन यह कोई पहला मामला नहीं है जब मुंगेर एसपी लिपि सिंह को लेकर विवाद शुरू हुआ हो लिपि सिंह पहले भी विवादों में रही है। उन पर मनमानी करने का आरोप लग चुका है। इससे पहले भी बाढ़ में उन पर आरोप लगा था और उन्हें वहां से हटा लिया गया था और सबसे बड़ी बात यह है कि लोग दबी जुबान से उनके पॉलिटिकल कनेक्शन की बारे में बात करते हैं क्योंकि मौजूदा सरकार से उनका डायरेक्ट संबंध है।


बताते चलें कि मुंगेर में हुए हिंसा को लेकर आज जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ किया इस दौरान कई गाड़ियों में भी आग लगा दी और थाने पर पथराव किया। आक्रोशित लोगों द्वारा यह मान किया जा रहा था कि उन्हें जल्द से जल्द हटा दिया जाए। आक्रोशित लोगों के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चिराग पासवान जैसे विपक्ष के नेता भी उन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे लेकिन अब तक उन पर कोई कार्रवाई हो नहीं है जिसको लेकर जाता आक्रोशित हो गए और आज सुबह इस तरह की घटना को अंजाम दिया फिलहाल पूरा मुंगेर का प्रशासनिक इलाका चल रहा है हालांकि वहां मामले को शांत करने के लिए कई बड़े अधिकारी पहुंच चुके हैं लेकिन मामला शांत नही पाया है।

[लिपि सिंह के पिता का नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह है। वे आरसीपी सिंह के नाम से अधिक मशहूर हैं। आरसीपी सिंह जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वे राज्यसभा के सांसद हैं और नीतीश के सबसे करीबी माने जाते हैं। आरसीपी उत्तर प्रदेश कैडर के आइएएस अफसर रहे हैं और नालंदा जिले के ही रहने वाले हैं। नीतीश जब केन्द्र में मंत्री बने थे तब उन्होंने अपने गृह जिले के इस अधिकारी को प्राइवेट सेक्रेटरी बना लिया था। दोनों एक ही जिले के थे और स्वजातीय थे। फिर तो दोनों की खूब जमी। नीतीश जब 2005 में सीएम बने तो उन्होंने आरसीपी को प्रिंसिपल सेक्रेटरी बना कर पटना बुला लिया। नीतीश के आग्रह पर ही उन्होंने आइएएस की नौकरी छोड़ कर नेता बनना कबूल किया था। वे नेता बने और नीतीश के सबसे बड़े सलाहकार के रूप में स्थापित हो गये। 2010 में नीतीश ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था। आज की तारीख में नीतीश के बाद जदयू में आरसीपी सिंह और ललन सिंह ही सबसे मजबूत नेता माने जाते हैं।

कौन हैं लिपि सिंह?

लिपि सिंह आरसीपी सिंह की बड़ी पुत्री हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के उन शहरों में हुई जहां-जहां उनके पिता आइएएस अफसर के रूप में तैनात रहे। फिर वे दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरकेपुरम पढ़ने के लिए गयीं। वहां से इंटरमीडिएट पास करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में बीए किया। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही उन्होंने कानून में डिग्री हासिल की। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गयीं। पहली बार में उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हुआ लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। लिपि सिंह को खुद पर भरोसा था और बेहतर रैंक लाना चाहती थीं। वे पटना लौट आयीं। उन्होंने नये सिरे से यूपीएससी पर फोकस किया। पटना हाईकोर्ट में वकालत भी करने लगीं। 2016 में जब यूपीएससी का रिजल्ट निकला तो उन्हें 114 वीं रैंक मिली। वे आइपीएस के लिए चुनी गयीं और बिहार कैडर मिला। ट्रेनिंग के दौरान उनकी पहली तैनाती पटना से सटे नौबतपुर में थानेदार के रूप में हुई। वहां उन्होंने एक सख्त अधिकारी की छवि बनायी। फिर 2018 में उन्हें बाढ़ का एसडीपीओ बनाया गया तो पहली बार उनके राजनीति सरोकारों पर सवाल उठे। दरअसल लिपि सिंह को पटना के आसपास ही पोस्टिंग मिलने से कहा जाने लगा कि उनके सांसद पिता की वजह से ऐसा हो रहा है। इसके अलावा लिपि सिंह के आइएएस पति सुहर्ष भगत को भी पटना में ही पोस्टिंग मिलती रही। इन कारणों से लिपि सिंह के पोलिटिकल कनेक्शन पर सवाल होते रहे।

लिपि सिंह पहले पटना के बाढ़ इलाके की एडिशनल एसपी थीं. 2019 में हुए आम चुनाव के दौरान, अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने चुनाव आयोग में शिकायत कर दी थी. आरोप था कि लिपि अनंत सिंह के करीबियों को जानबूझ कर परेशान कर रहीं थीं. इसके बाद चुनाव आयोग के आदेश के बाद लिपि सिंह का ट्रांसफर ATS यानी एंटी टेरेरिज़म स्क्वॉड (आतंक विरोधी दस्ते) में कर दिया गया था. लेकिन चुनाव के बाद इन्हें एक बार फिर बाढ़ एडिशनल एसपी नियुक्त कर दिया गया था| अभी वह मुंगर कि एसपी है | 

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