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सुप्रीम कोर्ट से पतंजलि को लगी फटकार तो सामने आए स्वामी रामदेव... बिमारियों के उपचार के "झूठे" और "भ्रामक" दावों पर जानिए क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट से पतंजलि को लगी फटकार तो सामने आए स्वामी रामदेव... बिमारियों के उपचार के "झूठे" और "भ्रामक" दावों पर जानिए क्या कहा

DESK. सुप्रीम कोर्ट से लगी फटकार के बाद स्वामी रामदेव ने बुधवार को इसके पीछे साजिश होने की बात कही. योग गुरु बाबा रामदेव ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पतंजलि आयुर्वेद को कई बीमारियों के इलाज के लिए उसकी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में "झूठे" और "भ्रामक" दावे करने के खिलाफ चेतावनी देने के बाद मेडिकल माफिया उन्हें निशाना बना रहे हैं और उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम झूठे दावों के आधार पर पतंजलि आयुर्वेद उत्पादों का प्रचार नहीं कर रहे हैं। हमें पांच साल से निशाना बनाया जा रहा है। हम आयुर्वेद की मदद से बीमारियों को नियंत्रित करने और ठीक करने की कोशिश करते हैं लेकिन मेडिकल माफिया लगातार निशाना बना रहे हैं।

बाबा रामदेव ने कहा कि पैसा सच और झूठ का फैसला नहीं कर सकता। उनके (एलोपैथी) पास अधिक अस्पताल, डॉक्टर हो सकते हैं और उनकी आवाज अधिक सुनी जा सकती है, लेकिन हमारे पास संतों के ज्ञान की विरासत है, हम गरीब नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कल से अलग-अलग मीडिया साइट्स पर एक खबर वायरल हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पतंजलि को फटकार लगाई है। SC ने कहा कि अगर आप गलत प्रचार करेंगे तो जुर्माना लगेगा... हम SC का सम्मान करते हैं। लेकिन हम कोई गलत प्रचार नहीं कर रहे हैं। कुछ डॉक्टरों ने एक ग्रुप बना लिया है जो लगातार योग, आयुर्वेद आदि के खिलाफ प्रचार करता रहता है। 

रामदेव ने साफ तौर पर कहा कि अगर हम झूठे हैं तो हम पर 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएं और हम मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं। लेकिन अगर हम झूठे नहीं हैं तो उन लोगों को सज़ा दें जो सच में झूठा प्रचार कर रहे हैं। पिछले 5 सालों से रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाकर प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है। 

आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने योग गुरु रामदेव द्वारा सह-स्थापित और हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कई रोगों के संबंध में अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में ‘‘झूठे’’ और ‘‘भ्रामक’’ दावे करने के प्रति मंगलवार को आगाह किया था। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘‘पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा। 

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