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पिता लालू के एमवाई समीकरण के आगे तेजस्वी के ए टू जेड की निकली हवा, सुशील मोदी ने पूछा बाबा-जगदानंद को क्यों किया दरकिनार

पिता लालू के एमवाई समीकरण के आगे तेजस्वी के ए टू जेड की निकली हवा, सुशील मोदी ने पूछा बाबा-जगदानंद को क्यों किया दरकिनार

PATNA : बिहार में तेजस्वी यादव चाहे कितना भी दावा कर लें कि राजद ए टू जेड लोगों की पार्टी है, लेकिन हकीकत यह है कि यह आज भी सिर्फ एमवाई की पार्टी है। यह बात एक बार फिर साबित हो गई है। यह कहना है बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का। 

राज्य सभा में जिस तरह से राजद ने एक मुस्लिम और एक यादव को टिकट दिया है। उसके बाद राजद के विरोधियों को बोलने का मौका मिल गया है। इनमें सबसे पहला हमला सुशील मोदी ने किया है। उन्होंने मीसा भारती और फैयाज अहमद को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर राजद की नीतियो पर सवाल उठा दिए हैं। मोदी ने कहा कि राजद लाख ए टू जेड की बात कर ले, परंतु न तो वह माई से बाहर निकल सकता है और ना ही परिवार से। राज्यसभा में टिकट का मौका आया तो बाबा और जगता बाबू को दरकिनार कर परिवार और माई को ही तरजीह मिली।

किए एक के बाद कई ट्विट

राजद के दोंनो राज्यसभा उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बाद सुशील मोदी ने एक के बाद कई ट्विट करते हुए राजद की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि 'राजद के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद, नैतिकता तो कोई मुद्दा ही नहीं है। राजद परिवार से बाहर निकल ही नहीं सकता है। परिवार में ही किसी दूसरी बहन को देते, परन्तु भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जिन पर हैं उन्हें पुनः राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया।

राजद लाख ए टू जेड की बात कर ले, परंतु न तो वह माई से बाहर निकल सकता है और ना ही परिवार से। राज्यसभा में टिकट का मौका आया तो बाबा और जगता बाबू को दरकिनार कर परिवार और माई को ही तरजीह मिली।

बाबा को नहीं बनाया तो समझ में आ सकता है क्योंकि लालू जी की दुर्दशा के लिए बाबा ही जिम्मेवार हैं। परंतु जगता बाबू जिन्होंने लालू जी के जेल जाने के बाद खडाऊं को ईमानदारी से संभाल कर रखा और जो पार्टी का अध्यक्ष के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं उन को अपमानित कर राज्यसभा नहीं भेजा।

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 में 76 टिकट माई समीकरण को दिया। भूमिहार को एक और कुर्मी को भी मात्र एक टिकट दिया। वही माई के एम को 18 और वाई को 58 टिकट दिया। अब लालू परिवार के 4 सदस्य संसद और विधान मंडल में है।

राज्यसभा के 6 में से दो सदस्य जेल रिटर्न (अशफाक करीम, अमरेंद्र धारी सिंह) है, दो चार्जशीटेड हैं और बेल पर हैं और 4 धन पशु हैं जिनकी योग्यता केवल धन है। ऐसी पार्टी 15 साल सत्ता में थी तो लोगों ने देखा है और यदि पुनः गलती से लौट आए तो बिहार का क्या होगा?'



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