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केंद्र के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन पर तेजस्वी ने साधा निशाना, कहा- 'शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, नौकरी...सबकुछ कमज़ोर वर्गों की पहुंच से बाहर हो जाएगा !'

केंद्र के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन पर तेजस्वी ने साधा निशाना, कहा- 'शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, नौकरी...सबकुछ कमज़ोर वर्गों की पहुंच से बाहर हो जाएगा !'

Desk. केंद्र सरकार ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना शुरू की. इसको लेकर विपक्षी दल हमलावर है. इस बीच राष्ट्रीय जनता दल ने भी इस योजना की मुखालफत की है. राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधान सभा नेता प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकर को निशाने पर लिया है. तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए सरकार पर हमला बोला है.

सबकुछ बेच दिया जाएगा, गरीबों की रक्षा कौन करेगा

 नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना के खिलाफ तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, भारत एक अत्यंत सामाजिक आर्थिक असमानता वाला देश है. अगर निजी क्षेत्र, जिसका एकमात्र उद्देश्य अधिकाधिक लाभ कमाना होता है, के हाथों में ही सबकुछ बेच दिया जाएगा तो कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा कौन करेगा?  शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, नौकरी...सबकुछ कमज़ोर वर्गों की पहुँच से बाहर हो जाएगा!'

साथ ही तेजस्वी ने आगे ट्वीट करत हुए कहा कि, केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी दूभर हो गया है. अब इसे ज़िंदा रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं. आँगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है,साहब?'

बीजेपी से हाथ मिलाते लालू जी,  तो राजा हरिश्चंद्र होते

इस बीच तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि जो भी भष्ट्रचारी बीजेपी में शामिल होते है, उसका पाप धूल जाता है. उन्होंने कहा कि यदि लालू यादव बीजेपी में शामिल हो जाते, तो लालू जी आज हिंदुस्तान के राजा हरिश्चंद्र होते. उन्होंने करते हुए कहा कि, 'अगर लालू जी BJP से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते।तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का DNA बदल जाता.'

नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन को लॉन्च किया. इसके तहत देश की सरकारी संपत्तियों को लीज पर देकर या संपत्तियों की हिस्सेदरी को बेचकर 6 लाख करोड़ रुपये उगाही करने का लक्ष्य था. इसके तहत एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक जगत की कंपनी, नेशनल हाईवे इत्यादी के शेयर बेचा जाएगा. इसके विरोध में विपक्षी दल सरकार पर हमलावर है और सरकार पर सरकारी कंपनी को बचने का आरोप लगा रहा और इसका फायदा निजी कंपनी को पहुंचाने का आरोप लगा रहा है.


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