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तेजस्वी यादव ने कर दिया बड़ा खेला,फ्लोर टेस्ट से पहले ही जदयू के किले में हो गई सेंधमारी,नीतीश पेशोपेश में...

तेजस्वी यादव ने कर दिया बड़ा खेला,फ्लोर टेस्ट से पहले ही जदयू के किले में हो गई सेंधमारी,नीतीश पेशोपेश में...

पटना: बिहार में राजनीतिक हलचल की स्थिति बनी हुई है. तेजस्वी यादव ने भी राज्य में ‘खेला’ होने की बात कही थी. 12 फरवरी को एनडीए समर्थित नीतीश सरकार का प्लोर टेस्ट है. ऐसे में बिहार का राजनीतिक पारा चरम पर है. विधायकों के पाला बदलने का कथित तौर पर डर कमोबेस हर दल को सता रहा है. कांग्रेस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है, कांग्रेस ने 19 में से 16 विधायक हैदराबाद भेज दिया है, लेकिन शेष 3 विधायकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. तो भाजपा के विधायक बोधगया में दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लें रहे हैं. जदयू, कांग्रेस  ब्नह्मास्त्र चलाते हुए फ्लोर टेस्ट को लेकर व्हीप जारी कर दिया है.

राजद की कोशिश है कि नीतीश कुमार विधानसभा में बहुमत साबित न कर पाएं.शनिवार को जदयू की तरफ से श्रवण कुमार के घर पर भोज का आयोजन हुआ. दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने भी अपने सरकारी आवास पर भोज की व्यवस्था की थी. 

सरकार से हटने के बाद भी राजद विधायक उत्साहित नजर आए. जदयू विधायकों और नेताओं ने भी नीतीश कुमार के प्रति निष्ठा दिखाई. जो विधायक और नेता भोज में आए थे, उन्होंने नीतीश कुमार का साथ देने का वादा किया.जदयू के कई विधायक भोज में नहीं पहुंचे. जिस कारण अटकलों का बाजार गरम है.बिहार में कयास है कि  तेजस्वी यादव ने खेला कर दिया है.

विधायकों ने भोज में नहीं आने की वजह भी बताई. नहीं पहुंचने वालों में विधायक शालिनी मिश्रा, सुदर्शन सिंह, दिलीप राय, डॉक्टर संजीव, बीमा भारती और गुंजेश्वर शाह हैं.

राजद  विधायक रामानुज यादव ने फ्लोर टेस्ट के दौरान खेल होने की बात कही. उन्होंने कहा कि सियासत संभावनाओं का खेल है. राजनीति में जोड़-तोड़ चलता रहता है. राजद विधायक ने कहा कि जो लोग बहुमत का दावा कर रहे हैं, वे फेल हो जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि सदन में हमारे पास बहुमत ह.। अभी देखिए.. आगे क्या होता है. आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि खेल अभी बाकी है. विधायक सुरेंद्र राम ने यह कहा कि सब कुछ अच्छा होने वाला है. आने वालों को रोका नहीं जा सकता है.

बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और कांग्रेस, राजद इंडी गठबंधन का हिस्सा है. दिसम्बर साल 2023 में  बिहार में तेजी से  राजनीतिक घटनाक्रम बदला और  नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल हो गए.  रिकॉर्ड नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार की नई सरकार 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट का सामना करने वाली है.

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी  ने दावा किया कि अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो यह सही नहीं होगा. महागठबंधन के नेताओं की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने तक की पेशकश की गई थी. लेकिन वह एनडीए में बने रहे. शुरुआत में यह भी खबर आई कि राहुल गांधी ने मांझी को विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन  में शामिल होने का ऑफर भी दिया था. नई सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले अब लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (रा) के सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा कि  कि उन्हें नहीं पता कि कौन खेला करेगा.

243 सदस्यीय विधानसभा में राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 128 सीटें (भाजपा के पास 78, जदयू के पास 45, हम के पास 4 के साथ-साथ 1 निर्दलीय विधायक) हैं, तो वहीं विपक्षी इंडी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआईएमएल  के 12 और सीपीआई तथा सीपीएम से 2-2 विधायक शामिल हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का एक विधायक है.

बिहार में सत्तारुढ़ गुट के 128 विधायकों के जवाब में विपक्ष के पास अभी 114 विधायक हैं. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का भी एक विधायक है, लेकिन यह किसी भी गुट में शामिल नहीं है. बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा होना चाहिए. इस हिसाब से देखें तो सत्तारुढ़ एनडीए के पास बहुमत से छह विधायक अधिक हैं तो विपक्ष के पास बहुमत से 8 विधायक कम हैं.

बहरहाल 12 फरवरी को होने वाले प्लोर टेस्ट को लेकर हर दल सावधानी बरत रहा है. एक तरफ जजयू तो दूसरी तरफ राजद, दोनों तरफ से घेरेबंदी और किलेबंदी की जा रही है. कांग्रेस अलगहीं सावधान है, भाजपा अपने विधायकों को लेकर गया पहुंच गई है.  ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष अवधबिहारी चौधरी ने इस्तीफा नहीं देने की घोषणा करके नीतीश की टेंशन बढ़ा दी है. अब 12 फरवरी का इंतजार है... 


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