PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों दिल्ली में हैं। तेजस्वी दिल्ली गए तो थे IRCTC घोटाला मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होने लेकिन कोर्ट से नियमित जमानत मिलने के बाद उनमें गजब का आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। तेजस्वी अब जेएनयू से लेकर जंतर-मंतर तक पर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं। तेजस्वी की राजनीति में यह एक नयापन है। अबतक बिहार की राजनीति से आगे नहीं बढ़ने वाले तेजस्वी यादव अब 13 प्वाइन्ट का विरोध कर मोदी सरकार पर बरस रहे हैं।
एक लिहाज से खुद तेजस्वी के लिए यह बड़े पॉलिटिकल कैनवास पर उभरने जैसा हैं। तेजस्वी एक तरफ जहां दिल्ली में अपनी मौजूदगी का एहसास करा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2 दिन बाद पटना पहुंचने वाले हैं। राहुल को कांग्रेस की जनाकांक्षा रैली में शामिल होना है। माना जा रहा है कि जनाकांक्षा रैली में अपनी ताकत आंकने के बाद ही कांग्रेस महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कोई फैसला लेगी।
बिहार के सियासी गलियारे में लगातार यह चर्चा रही है कि महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे पर अभी पेंच फंसा हुआ है। खबरों के मुताबिक आरजेडी किसी भी हाल में कांग्रेस को 10 से ज्यादा लोकसभा सीटें देने को तैयार नहीं। लिहाजा कांग्रेस ने भी रैली की सफलता के बाद आरजेडी से बातचीत करने का मन बनाया है। जनाकांक्षा रैली को लेकर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी है। एक तरफ कांग्रेस अपने को मजबूत घटक साबित कर महागठबंधन में ज्यादा सीटों पर दावा ठोंकने के फिराक में है तो वहीं दिल्ली में मोदी सरकार को घेरने के लिए तेजस्वी संवेदनशील मुद्दों से जुड़कर कांग्रेस को यह जता देना चाहते हैं कि सियासत में कद संघर्ष से बढ़ता है ना कि पार्टियों के बड़े होने भर से। सीट बंटवारे से पहले महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स चरम पर हैं और सबकी नजरें 3 फरवरी पर जा टिकी हैं।