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तो क्या दलितों के सहारे पार्टी में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं तेजप्रताप ?

तो क्या दलितों के सहारे पार्टी में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं तेजप्रताप ?

पटना- बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक घराने में सत्ता की कहनी बेपर्दा होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. तेजप्रताप के ट्वीट और बयान के बाद यह साफ हो गया कि आरजेडी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा...तेजप्रताप का बयान यह बताने के लिए काफी है कि तेजप्रताप दलितों के बहाने अपनी पार्टी में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने में लगे हैं.

तेजप्रताप का जागा दलित प्रेम

जानकारों की माने तो तेजप्रताप का दलित प्रेम जाग गया है. तेजप्रताप को यह अंदेशा हो गया है कि पार्टी से दलितों का मोह भंग हो रहा है. इसलिए तेजप्रताप सियासी स्टंट से दलितों को पार्टी की तरफ खिंचना चाहते हैं. शनिवार को ही तेजप्रताप ने एक ओर ट्वीट किया जिसमें तेजप्रताप के अचानक उभरे दलित प्रेम को देखा जा सकता है. तेजप्रताप के इस ट्वीट के कई मायने हैं. दोपहर से शाम तक के बयान में तेजप्रताप  बार बार तेजस्वी के अपने कलेजा का टुकड़ा बताते रहें और साथ ही दलितों को पार्टी से जोड़ने की बात करते रहे. तेजप्रताप के पूरे बयान में एक बात कॉमन थी और वो दलितों पर उनका फोकस. तेजप्रताप दलितों को सहारे बिहार की सियासत में अपनी धमक बनाने के लिए एक नई धारा निकालने की फिराक में हैं.
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शनिवार को दिए गए अपने बयान से तेजप्रताप ने रौलबैक करते हुए कहा कि मेरे और मेरे भाई के बीच कोई मतभेद नहीं है. हमें पार्टी से उन तत्वों को हटाना होगा जो हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि आखिर आरजेडी में वो कौन लोग हैं जो तेजप्रताप की नहीं सुनते और तेजस्वी और तेजप्रताप को लड़वाना चाहते हैं. 
तेजप्रताप ने शनिवार को कहा कि उन्होंने तेजस्वी को कुर्सी सौंप कर बलिदान दे दिया. लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ अपमान मिल रहा है. आरजेडी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बनता जा रहा है और कोई सही बात सुनने वाला नहीं है. उन्होंने साफ साफ कहा था कि राजद में असामाजिक लोग भरे जा रहे हैं. भाई-भाई को लड़वाने की कोशिश की जा रही है. पार्टी में ऐसे नेताओं की तादाद बढ़ती जा रही है जो लालू-राबडी के साथ साथ तेजप्रताप-तेजस्वी और मीसा भारती का नाम बेच रहे हैं.हालांकि बाद में तेजप्रताप ने ट्वीट कर कहा कि संघीयों 'अफवाह फैलाने की कोशिश मत करो और कान खोलकर सुन लो तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है'. 

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