पटना- विश्वविद्यालयों में शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन भुगतान नहीं होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पटना महानगर के द्वारा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के अड़ियल रवैया को लेकर उनके आवास का घेराव करने पहुंचे तो शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओ को हिरासत में ले लिया. इस दौरान छात्रों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की तीन प्रमुख मांग है. जिनमें प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर लगे रोक को तुरंत हटाया जाय. जिससे विश्वविद्यालय सुचारू रूप से कामकाज कर सके. परिषद् का कहना है कि सभी प्रोफेसर एवं कर्मचारियों का बकाया वेतन एवं पेंशन (माह फरवरी से वेतन नहीं मिला है) तुरंत जारी किया जाये. एवीभीपी की मांग है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में हजारों अथिति प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं जिन्हें 11 महीने से मानदेय नहीं मिला है. जिसे शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय पर टाल रहा है. इससे शिक्षकों के लिए वित्तीय संकट के साथ साथ मानवीय संकट भी उत्पन्न हो रहा है. शिक्षा विभाग को निर्देशित किया जाये कि अतिथि शिक्षकों का बकाया मानदेय तुरंत जारी करे.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता ख़तरे में नजर आ रही है. शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के लगातार तानाशाही एवं अड़ियल रवैये के कारण अराजक सी स्थिति बन गई है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा विश्वविद्यालयों के खातों पर रोक लगाना मानसिक विकृति को दर्शाता है. विगत कई महीनों से शिक्षकों, कर्मचारिओं एवं पेंशनधारीओं का वेतन रोकना मानवीय त्रासदी से कम नहीं है. ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री का चुप्पी उनकी लाचारी को दर्शाता है. विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं को एसीएस केके पाठक के घर का घेराव करने पहुंचने से पहले हीं शास्त्री नगर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
रिपोर्ट- नरोत्तम सिंह