पटना। शराब कांड में हिरासत में लिए गए युवक की मौत ने गौरीचक पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों की बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके कारण उसकी मौत हो गई है। इस घटना को लेकर इलाके में पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया है। लोग पटना मसौढ़ी मार्ग को जामकर आगजनी कर रहे हैं।परिजनों की मांग है कि इस मामले की जांच की जाए और जो भी दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
क्या हुआ था
दो दिन पहले शुक्रवार को गौरीचक पुलिस ने शराब बिक्री करने के मामले में धर्मेन्द्र मांझी नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया था। नियमानुसार गिरफ्तारी के 24 घंटे की अवधि उसे कोर्ट के सामने पेश करना था, लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण उसे समय पर कोर्ट में पेश नहीं कर सके, जिसके कारण उसके मामले की सुनवाई नहीं हुई और उसे दोबारा थाने के हाजत में भेज दिया गया। जिसके बाद उसकी लॉकअप में ही हालत खराब होने लगी। आनन फानन में उसे गोरीचक पीएचसी लाया गया. जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत को गहराया रहस्य
धमेंद्र मांझी की मौत को लेकर पुलिस की तरफ से बयान दिया गया कि लॉकअप में उसकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। जबकि मृतक के बहन रेखा देवी ने कहा कि धर्मेंद्र की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है,जहां पुलिस अपना बचाव में बीमारी का बहाना बना रही है। धर्मेंद्र कभी बीमार नहीं था और ना ही कभी किसी बीमारी से ग्रसित हुआ था। परिजन वरीय अधिकारी से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वहीं थाने में हुए मौत के बाद लोगों ने थाने के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसके बाद दूसरे थाने के पुलिसकर्मी वहां पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास करने में लगे हैं।