GAYA : मगध विश्वविद्यालय बोधगया के सेवानिवृत्त शिक्षकेतर कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। गुरुवार से अपनी मांगों को लेकर सभी सेवानिवृत्त शिक्षकेतर कर्मचारी प्रशासनिक भवन में धरना पर बैठे हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान उक्त कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस संबंध में सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के जनरल सेक्रेटरी रामप्रवेश सिंह ने बताया कि जिस तरह से विश्वविद्यालय की स्थापना भगवान बुद्ध की भूमि पर हुई थी। ताकि इस विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों का भविष्य बुद्ध की रोशनी से उज्जवल हो सके। लेकिन इस विश्वविद्यालय का भविष्य दिन प्रतिदिन अंधकारमय होते जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की जो वर्तमान में स्थिति हो रही है। इससे प्रतीत होता है की विश्वविद्यालय जल्द ही बंद होने के कगार पर है। यहां विसी, प्रोवीसी, रजिस्ट्रार,जैसे सभी अधिकारी प्रभार में रहने के बावजूद भी लगभग 6 माह से अपने चेंबर में दर्शन नहीं दिए हैं। इस कारण छात्रों के सभी कागजात पेंडिंग हो गए है। साथ ही पेंशन धारियों को 3 माह से पेंशन और 24 माह से एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारी सिर्फ पैसा वसूली करने के लिए आते हैं और उसके बाद भाग जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग की पेंशन और एरियल कि रकम आने के बावजूद भी भुगतान नहीं किया गया है।
वही सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के विष्णु पति ने बताया कि सेवानिवृत्त शिक्षक कर्मचारी संघ के तीन व्यक्ति अपने पेंशन के लिए दर-दर भटकते रहे। कभी मगध विश्वविद्यालय के इस कार्यालय तो कभी उस कार्यालय में अधिकारी भटकाते रहे। अंत में उन तीनों कर्मचारियों की मौत हो गई। वे लोग अपना पेंशन नहीं देख सके। हमेशा के लिए उनका पेंशन बंद हो गया। उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय के अधिकारी हम लोगों की मांगें नहीं पूरी करते हैं तो हम लोग कार्यालय को पूरी तरह ठप कर देंगे। इसके लिए कर्मचारी संघ को अगर कुर्बानिया भी देना पड़े तो हम लोग कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर मगध विश्वविद्यालय में छात्र अपनी डिग्री निकालने के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। लेकिन किसी की डिग्री नहीं निकल रही है। ऐसा लग रहा है जैसे मगध विश्व विद्यालय के प्रशासन अपने कान मे तेल डाल कर सो गया है।
गया से संतोष कुमार की रिपोर्ट