PATNA : पटना हाईकोर्ट ने इस कोरोनाकाल के लंबे लॉकडाउन के कारण सभी वर्गो को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन कोर्ट कार्यों से जुड़े वकीलों,कर्मचारियों व मुकदमा करने वालो को बड़ी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही कोर्ट कैंपस से जुड़कर छोटे-मोटे काम धंधे करने वालों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई।
जनज्वार फाउंडेशन की ओर से पटना हाईकोर्ट सहित बिहार के विभिन्न जिलों के अदालतों से जुड़े वकील,उनके साथ काम करने वाले कर्मचारी, मुवक्किलों, कोर्ट कैंपसों में रोजगार करने वाले लोगों की स्थितियों का भी आकलन किया गया है। इस सर्वेक्षण के आधार पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण पटना हाईकोर्ट स्थित ब्रजकिशोर मेमोरियल हॉल में किया गया। इसके बाद डॉक्यूमेंट्री और सर्वेक्षण पर आधारित पुस्तिका का विमोचन बिहार बार काउंसिल के उपाध्यक्ष धर्मनाथ यादव, एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चन्द्र वर्मा, पटना के एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रो. विद्यार्थी विकास, वरिष्ठ पत्रकार अजय प्रकाश ने संयुक्त रूप से किया।
एक घंटे की इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित थे। इस डॉक्यूमेंट्री में कोर्ट से जुड़े हर वर्ग के लोगों की समस्याओं को दिखाया गया। अधिवक्तागणों को संबोधित करते हुए बिहार एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि जनज्वार का यह प्रयास अपने आप में अनूठा है। जनज्वार द्वारा उन पहलुओं को उठाया गया है जिनपर इससे पहले कभी चर्चा नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि वकीलों के सभी संगठनों को एकजुट होकर इस समस्या के निदान हेतु पहल करनी होगी।
वहीं बिहार बार काउंसिल के उपाध्यक्ष धर्मनाथ यादव ने कहा कि अधिवक्ताओं की समस्याओं के प्रति न तो सरकारें गंभीर हैं, न समाज। लॉकडाउन का दौरान कोर्ट नहीं चलने के कारण वकीलों और कोर्ट से जुड़े पेशागत लोगों की स्थिति बिगड़ गई है, वहीं मुकदमा करने वालों के लिए काफी कठिनाई का समय चल रहा है।