आज से शुरू होगा विश्वस्तरीय विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य, रामायण काल से जुड़ा है निर्माण स्थल

PATNA : लगभग 11 साल के इंतजार के बाद आखिरकार महावीर मन्दिर न्यास की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल विश्वस्तरीय विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य आज से शुरू हो रहा है। केसरिया-चकिया पथ पर कथवलिया-बहुआरा के जानकी नगर में बड़ी-बड़ी हाइड्रोलिक और अन्य मशीन पहुंच गयी हैं। सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर विजय मुहूर्त में कार्यारंभ होगा। बताया गया कि मन्दिर के कुल 3102 भूगर्भ-खंभों (पाइलों) में पहले भूगर्भ-खंभे की नींव रखी जाएगी। इसी साल नवंबर तक पाइलिंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विराट रामायण मंदिर बन जाने से पश्चिमी चंपारण के साथ-साथ पूरे बिहार और देश के लिए यह विराट रामायण मंदिर चर्चा का विषय बना रहेगा। आकार और ऊंचाई में भव्यतम होगा यह विराट रामायण मन्दिर।
निर्माण स्थल का इतिहास रामायण से जुड़ा
विराट रामायण मन्दिर के निर्माण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपनी अनापत्ति दी है. विराट रामायण मन्दिर पटना से 120 किमी तथा वैशाली से 60 किमी की दूरी पर वर्तमान केसरिया-चकिया पथ पर अवस्थित है. यह मन्दिर चार गांवों और तीन पंचायतों की सीमा में पड़ता है. परम्परा के अनुसार यहां जनकपुर से रामजी की बारात दूसरी रात रुकी थी. इसके आस-पास अतीत में एक दशावतार मन्दिर के स्थित होने का अभिलेखीय प्रमाण है। विराट रामायण मन्दिर अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित है
बन रहा है 200 टन का शिवलिंग
इस मंदिर में स्थापित करने के लिए चेन्नई के निकट महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है। आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है। शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगा।
सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगाः कुणाल ने बताया की मन्दिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा. सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा। 198 फीट का एक शिखर होगा. जबकि 180 फीट के चार शिखर रहेंगे। 135 फीट का एक शिखर और 108 फीट ऊंचाई के 5 शिखर होंगे। विराट रामायण मन्दिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट है।
विराट रामायण मन्दिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 देवालय होंगे. मन्दिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसे जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां कई आश्रम, गुरुकुल, धर्मशाला आदि होंगे।
पाइलिंग में 1050 टन स्टील का प्रयोग
विराट रामायण मन्दिर का पाइलिंग कार्य प्रारंभ होने के मौके पर पाइलिंग कराने वाली एजेंसी सनटेक इन्फ्रा के प्रबंध निदेशक गौरव गुप्ता मौजूद रहेंगे। निर्माण एजेंसी के अधिकारी श्रवण कुमार झा ने बताया कि विराट रामायण मन्दिर में पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी। निर्माण में लगनेवाली सामग्रियां महावीर मन्दिर उपलब्ध कराएगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बगैर अग्रिम भुगतान के एजेंसी कार्य करेगी। कार्य के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
2012 मे हुआ भूमि पूजन
इसके निर्माण में कंबोडिया सरकार की आपत्ति से पांच साल रूकावट हुई। विराट रामायण मन्दिर का भूमिपूजन वर्ष 2012 में हुआ था.लेकिन कंबोडिया की आपत्ति और जमीन क्रय करने में हुए विलंब से काम शुरू नहीं हो सका। विराट रामायण का नाम पहले विराट अंकोरवाट मन्दिर रखा गया था। कंबोडिया के अंकोरवाट मन्दिर से मिलते नाम के कारण कंबोडिया सरकार ने वर्ष 2012 में अपनी आपत्ति दर्ज की। कंबोडिया की आपत्ति के बाद मन्दिर का नाम विराट रामायण मन्दिर कर दिया गया।