BHAGALPUR : आज के दौर में कुछ लोग कितने संवेदनहीन हो गए हैं। इसकी बानगी भागलपुर जिले में देखने को मिली है। जिस बेटे को कंधों पर बिठाकर दुनियादारी सिखायी, वही जीते जी मृत घोषित कर चुपचाप निकल गया। जिस अंगुली से कभी 'अ से अनार आ से आम लिखाया था। उसी अंगुली से म से मौत लिखते बेटे के हाथ नहीं कांपे। जब कभी खिलौने के लिए रोता था, वो पिता उसकी आंखों में आंसू देख नहीं पाते थे। खुद के खर्चे में कटौती कर उसके लिये खिलौने लाते थे। बेटे की आंखों में वे खुशी के फूल देखना चाहते थे। उसी बेटे को पिता की मौत की झूठी पटकथा लिखते आखों में एक बार भी आंसू नहीं उमड़ा। उसका दिल नही पसीजा।
दरअसल परमेश्वर झा एक सेवानिवृत शिक्षक है, जिनकी उम्र 87 वर्ष हो चुकी है और वे तेतरी के रहनेवाले है। उनकी पत्नी का निधन कुछ दिन पहले हो गया। उनकी दो संताने है एक बेटा और एक बेटी। बेटा जो पत्थर दिल निकला और बेटी दिल को सुनने वाली। पिता ने बेटे दिवाकर नारायण झा को पढ़ाया लिखाया। इस आशा में की बुढ़ापे में जीवन की लाठी बनेगा। लेकिन विधि का विधान देखिये कि उसी बेटे ने उनके उन्हें मृत घोषित कर दर-दर की ठोकरें खाने को छोड़ दिया। बेटा मां के निधन के चार दिन बाद आया और फिर जमीन बेचकर चलता बना। वह रायपुर में रहता है। परमेश्वर बेटे की करतूत से इतने आहत हुए कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भला हो उस बेटी का, जिसने पिता की सुधि ली और उनकी सेवा में लगी है।
भागलपुर जिला के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत नवगछिया प्रखंड के तेतरी गांव मे महज 8 डिसिमिल जमीन के लिए पुत्र नें जीवित पिता को मृत घोषित कर जमीन बेच दी। पिता के पास जमीन के नाम पर महज आठ डिसिमल का एक भूखंड था। वे इसी जमीन पर बने घर में रहते हैं। जब से पुत्र की हरकत के बारे में पता चला। तब से गंभीर रूप से बीमार है। भागलपुर के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में है। इस सदर्भ में नवगछिया थाने में आवेदन दिया गया है। जिसपर शनिवार को सुनवाई होगी।
परमेश्वर झा की पुत्री प्रीति ने बताया कि उनके पिता के पास महज 8 डिसिमल आवासीय जमीन और पैशन के अलावा कुछ भी नहीं है। माँ के निधन के बाद उन्हें पुत्र के पास चले जाने को कहा गया। लेकिन वे गाँव छोड़कर नहीं जाना चाहते थे। प्रीति ने कहा कि उनके पिता बीमार थे। इसलिए इन दिनों वहीं रह कर वह उनका खयाल रख रही है। वह एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका हैं। बच्चों की भी जिम्मेदारी उनके ऊपर है, लेकिन वह पिता को इस हाल में छोड़ कर कहीं नहीं जायेंगी।
भागलपुर से अंजनी कश्यप की रिपोर्ट