BIHAR PANCHAYAT CHUNAV : ससुराल छोड़ मायके का चक्कर लगा रही है महिला प्रत्याशी, जानिए वजह

CHHAPRA : त्रिस्तरीय पंचायती राज के लिए हो रहे चुनाव में अपना भाग्य आजमा रही महिला उम्मीदवारों के लिए एक नई समस्या खड़ी हो गई है। यह समस्या है जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की। दरअसल पंचायत चुनाव को लेकर आयोग की ओर से जाति प्रमाण पत्र के लिए जारी किये गये निर्देश के बाद महिला उम्मीदवारों में बेचैनी बढ़ गई है। महिला प्रत्याशियों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाना एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। आयोग के निर्देश के बाद ससुराल में रही रही आरक्षित कोटि की संभावित महिला प्रत्याशी पिता के घर से जारी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मायके यानी नईहर का चक्कर काट रही है। मायके में पहुंचकर वे जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने पिता भाई या अन्य संबंधियों से अनुनय विनय कर रही हैं।
इस पूरे मामले का पेंच यह है कि आयोग ने आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने वाली महिलाओं को पति के बजाय पिता के नाम के साथ जाति प्रमाण पत्र दाखिल करने को कहा है। इसी पेच को सुलझाने के लिए महिला प्रत्याशी अपने मायके का चक्कर लगा रही हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने दो टूक कहा है कि पति के नाम के साथ बनाया गया जाति प्रमाण पत्र किसी स्थिति में मान्य नहीं होगा। इस आदेश के साथ ही चुनाव मैदान में उतरने वाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग की महिला प्रत्याशियों के लिए टेंशन बढ़ गया है। जाति प्रमाण पत्र के लिए भी कई प्रोसेस किए जाने होते हैं।
यह बहुत ही आसानी से नहीं बन पाता। इसमें काफी समय लग जाता है। ऐसे में वे जाति प्रमाण पत्र के लिए अपने मायके यानि नैहर के घर का रुख करने को मजबूर हैं। अपने मायके के अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हो गई हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कि चुनाव कार्य के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है। ताकि इस तरह की कोई परेशानी ना हो। सिंगल विंडो माध्यम से आसानी से जाति आय व अन्य प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।
छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट