राज्यपाल दलित हैं...इसीलिए नीतीश सरकार का उनके प्रति नजरिया ठीक नहीं ! भाजपा के 'सम्राट' का प्रहार- सबसे लड़ना चाहती है यह सरकार

PATNA: राजभवन और सरकार के बीच तनातनी बढ़ी हुई है.  विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति व कई अन्य मसलों को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के खींचतान चल रही है. राजभवन के कामों में सरकार के हस्तक्षेप के बाद भाजपा फिर से आक्रामक हो गई है. बीजेपी के सम्राट के कहा है कि चूंकि, राज्यपाल दलित वर्ग हैं. यही वजह है कि सरकार उनके प्रति नजरिया ठीक नहीं रखती. 

सरकार सबसे लड़ना चाहती है-सम्राट 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने राजभवन और सरकार के बीच खींचतान पर कहा कि यह ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि चूंकि महामहिम राज्यपाल दलित वर्ग से आते हैं, इसलिए सरकार उनके प्रति नजरिया ठीक नहीं रखती है, मिलजुल कर ही विकास किया जा सकता है, टकराव से नहीं, मगर यह सरकार सबसे लड़ना चाहती है. लड़ने से विकास नहीं हो सकता . सरकार को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए. 

बता दें, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के एक आदेश ने आग में घी का काम किया है. केके पाठक के बीआरए विवि के कुलपति का वेतन रोक दिया. इसके बाद राजभवन आगबबूला हो गया. इसके बाद राज्यपाल के प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने को कहा. इसी बीच कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग ने अलग से विज्ञापन जारी किया. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 अगस्त की शाम राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात भी की है. बैठक के तुरंत बाद, राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा- "मुख्यमंत्री ने राजभवन आकर राज्यपाल से मुलाकात तथा उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों से संबंधित विषयों पर समाधानपूर्ण विमर्श किया."

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